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गोरखपुर में हर पांच घंटे में हो जाता है कोई न कोई हादसा Gorakhpur News

जिले की 25 सड़कें मौत के लिए जानी जाती हैं। सर्वे के बाद आरटीओ ट्रैफिक और लोक निर्माण विभाग की टीम ने इन्हें ब्लैक स्पाट के रूप में चिन्हित किया। इन स्थानों पर ज्यादा हादसा होने की वजह यातायात नियमों की अनदेखी और खराब इंजीनियरिंग है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 08:11 PM (IST)
गोरखपुर में हर पांच घंटे में हो जाता है कोई न कोई हादसा Gorakhpur News
सड़क दुर्घटना के संबंध में प्रतीकातमक फाइल फोटो।

सतीश कुमार पांडेय, गोरखपुर। छोटी-छोटी भूल और मामूली चूक के चलते जिले में हर पांच घंटे में कहीं न कहीं सड़क हादसे हो रहे हैं। हर दूसरे दिन कोई न कोई काल के गाल में समा रहा है जबकि रोजाना करीब दो लोग जख्मी होकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। इसी वजह से सुबह कामकाज के सिलसिले में निकले लोगों के शाम तक सकुशल घर न लौटने पर परिवार वालों का चिंता में रहना लाजिमी है।

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मौत के लिए जानी जाती हैं ये सड़कें

जिले की 25 सड़कें मौत के लिए जानी जाती हैं। सर्वे के बाद आरटीओ, ट्रैफिक और लोक निर्माण विभाग की टीम ने इन्हें ब्लैक स्पाट के रूप में चिन्हित किया। इन स्थानों पर ज्यादा हादसा होने की वजह यातायात नियमों की अनदेखी और खराब इंजीनियरिंग है। बीते तीन सालों की बात करें तो जिले में छोटी बड़ी 2191 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इसमें कई तो पुलिस के रिकार्ड में दर्ज भी नहीं हुईं। इन हादसों में 733 लोगों की जान चली गई जबकि 1492 लोग गंभीर और मामूली रूप से घायल हुए। इसमें सर्वाधिक हादसे दोपहिया वाहनों से हुए जबकि बड़े और भारी वाहन हादसों की वजह बनें। घना कोहरा भी सड़क दुर्घटनाओं की मुख्य वजह है। जिले में फोरलेन पर कोहरे के चलते कई हादसे हो चुके हैं। इस साल 10 माह में 255 लोगों की हादसे में मौत हो चुकी है। 

हादसों पर कोई गंभीर नहीं

सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार तत्वों को लेकर कोई भी गंभीर नहीं है। टूटी और क्षतिग्रस्त सड़कों की प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत कराने की बजाय उसे सामान्य प्रक्रिया के तहत ही ठीक कराया जाता है। हादसों के लिए किसी की जिम्मेदारी तय न होने के चलते भी प्रशासनिक अमला इसको लेकर लापरवाह बना रहता है।

वर्ष         हादसे        मौत      घायल

2018  872    129   432

2019  769    349   630

2020  550    255   430

नोट : कई मामले पंजीकृत नहीं हैं।

तीन वर्षों में हुई दुर्घटनाएं

भारी वाहनों से हादसे : 65

चार पहिया मोटर यान : 160

दोपहिया से हुए हादसे : 448


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