फर्जी अफसर बनकर आशा कार्यकर्ताओं से मांग रहे आधार नंबर, दे रहे धमकी
आधा कार्यकर्ताओं ने नकली अध्ािकारी बनकर आधार कार्ड मांगने को अधिकारियों ने गंभीरता से लिया है। बीते दिनों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं।
गोरखपुर/बस्ती, (जेएनएन)। साइबर अपराधियों ने अब दूसरों के खाते से पैसा निकालने का नया तरीका अपना लिया है। बस्ती जिले में आशा कार्यकताओं के जरिए उन महिलाओं के आधार नंबर मांग रहे हैं जिन्हें हाल ही में प्रसव कराने के नाम पर सरकारी धन मिला है। साइबर अपराधी खुद को स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी बता कर लाभार्थी महिलाओं की डिटेल मांग रहे हैं। जबकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस मामले में आशाओं को सचेत करते हुए किसी लाभार्थी की डिटेल किसी को भी देने से मना किया है।
बैंक अधिकारी बनकर लोगों के टेलीफोन पर अक्सर एटीएम का नंबर और पासवर्ड मांगने तथा खाते से रुपये निकाल लेने की शिकायतें तो आम हो गईं हैं। जो लोग इन बातों को समझ चुके हैं वह तो ऐसे लोगों को कोई सूचनाएं नहीं देते हैं। साइबर अपराधियों ने दूसरे के खातों से धन निकालने के लिए नया तरीका अपनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए वह स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी बन कर उन लोगों के आधार नंबर की जानकारी हासिल कर रहे हैं जिन्हें किसी न किसी रूप में सरकारी योजनाओं का लाभ मिल चुका है।
पांच हजार की धनराशि जाती है खातों में
इसका ताजा मामला स्वास्थ्य विभाग में संज्ञान में अाया है। बहादुरपुर ब्लाक में इन दिनों एएनएम व आशा बहुओं के मोबाइल पर ऐसे फोन आ रहे हैं जिनमें खुद को स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी बता कर उन महिलाओं के आधार नंबर मांगे जा रहे हैं जिन्हें प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना का लाभ मिल चुका है। इस योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के खाते में तीन किस्तों में पांच हजार रुपये की धनराशि स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजी जाती है। साइबर अपराधी आशा कार्यकर्ताओं को फोन करके विभागीय अधिकारी बताकर लाभार्थियों का फोन नंबर, आधार कार्ड तथा खाते की जानकारी मांग रहे हैं। विवरण न देने पर धमकी भी दे रहे हैं।
विभाग को की गई शिकायत
विभाग में इस बात की शिकायत आशा कल्पना सिंह, मधुलता सिंह, श्यामपती, साधना, सुनीता, कैलाशपति, बुंडला, शांति, गीता, संगीता, अनुपम सिंह ने की है। उनका कहना है कि लाभार्थी की डिटेल न बताने पर फोन करने वाले उन्हें अपशब्द कहते हैं। फूलपुर की आशा गीता ने बताया कि एक व्यक्ति ने लाभार्थी रेनू को फोन करके अपनी बातों में फंसा कर बैंक डिटेल पता कर लिया तथा खाते से दो हजार रुपये निकाल लिए।
प्रभारी चिकित्साधिकारी ने सतर्क किया
प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. पवन कुमार वर्मा ने बताया कि इस संबंध में एएनएम व आशाओं की बैठक बुलाकर उन्हें ऐसी घटनाओं से अवगत कराते हुए किसी भी दशा में किसी भी लाभार्थी के संबंध में कोई भी सूचना न देने की हिदायत दी गई है। इस बात को लेकर सभी आशा व एएनएम सजग हैं।