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एक गांव जहां सेना में जाने के लिए 80 युवक ले रहे प्रशिक्षण, जानिए कैसे कर रहे तैयारी Gorakhpur News

संतकबीर नगर जिले के धनघटा तहसील के औराडांड़ गांव निवासी सेवानिवृत्त फौजी राकेश यादव सेना के लिए क्षेत्र के युवकों को तैयार कर रहे हैं। उनके निर्देशन में हैंसर बाजार स्थित मैदान में क्षेत्र के विभिन्न गांवों के युवक पसीना बहाते हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sat, 13 Mar 2021 12:10 PM (IST)Updated: Sat, 13 Mar 2021 12:10 PM (IST)
एक गांव जहां सेना में जाने के लिए 80 युवक ले रहे प्रशिक्षण, जानिए कैसे कर रहे तैयारी Gorakhpur News
युवकों को प्रशिक्षण देते राकेश यादव (दाएं)। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : संतकबीर नगर जिले के धनघटा तहसील के औराडांड़ गांव निवासी सेवानिवृत्त फौजी राकेश यादव सेना के लिए क्षेत्र के युवकों को तैयार कर रहे हैं। उनके निर्देशन में हैंसर बाजार स्थित मैदान में क्षेत्र के विभिन्न गांवों के युवक पसीना बहाते हैं। वह युवकों में देश की सुरक्षा और सेवा के लिए जोश भरते हैं। सेना की नौकरी को भारत मां की सेवा का सुनहरा अवसर बताते हुए सभी को निश्शुल्क प्रशिक्षण देते हैं।

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इन गांवों के 80 युवक मुफ्त में रोजाना ले रहे प्रशिक्षण

राकेश के पास 80 युवक प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसमें बेलौरा के सात, अशरफपुर के दस, ठठरा के दस, तुर्कवलिया के सात, मलौली के पांच, कटारमिश्र के दस, भैंसाखूंट गांव के 12 तथा अन्य गांवों के 19 युवक शामिल हैं।

रोजाना दो घंटे तक चलता है प्रशिक्षण कार्यक्रम

सेवानिवृत्त फौजी के दिशा-निर्देशन में युवक रोजाना दो घंटे तक प्रशिक्षण लेते हैं। इन युवकों को पहले 500 मीटर दौड़ में भाग लेना होता है। इसके बाद उन्हें बीम खींचना पड़ता है। इसके अलावा सेटअप, पूशअप सहित अन्य शारीरिक प्रशिक्षण करना होता है। इसे करने के बाद युवक पसीने से भीग जाते हैं। इन्हें रोजाना संतुलित आहार लेने के लिए कहा जाता है। जो बच्चे गरीब हैं, उन्हें राकेश अपने पास से खर्च भी देते हैं। इसके अलावा सेना में पूछने जाने वाले प्रश्नों पर भी चर्चा करते हैं।

छोटे भाई राजेश से मिली प्रेरणा

सेवानिवृत्त फौजी राकेश यादव को उनके छोटे भाई राजेश यादव से प्रेरणा मिली। सेना में जवान रहे इनके छोटे भाई ने वर्ष 2010 में भारत में आयोजित एशियन गेम्स में नौकायन में दो सिल्वर मेडल तथा वर्ष 2012 में गोल्ड मेडल हासिल करके देश का नाम रोशन किया था। उनके छोटे भाई क्षेत्र के युवकों को सेना व खेल प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करने के लिए प्रेरित करते रहे। छोटे भाई की प्रेरणा से वह वर्ष 2019 से क्षेत्र के विभिन्न गांवों के युवकों को प्रशिक्षित कर रहे हैं।

प्रशिक्षण प्राप्त करके कुछ युवक सेना में दे रहे हैं अपनी सेवा

धनघटा तहसील क्षेत्र के कटार मिश्र गांव के शुभम सिंह पुत्र महेंद्र व छपिया गांव के नौशाद अहमद पुत्र लाल मोहम्मद सेवानिवृत्त फौजी से प्रशिक्षण प्राप्त करके सेना में अपनी सेवा दे रहे हैं। इसके अलावा भी कुछ और युवक सेना और पुलिस में भर्ती हो चुके हैं। सेवानिवृत्त फौजी ने कहा कि कोरोना के चलते मार्च 2020 में लाकडाउन लगने की वजह से भारतीय सेना में भर्ती के लिए वांट नहीं निकला। 

सेना में बतौर जवान 2001 में हुई थी भर्ती

राकेश यादव की सेना में बतौर जवान के रूप में सितंबर, 2001 भर्ती हुई थीं। सेना में पदोन्नति पाकर वे मेजर हवलदार बने। वह अक्टूबर, 2018 में सेवानिवृत्‍त हुए। वर्ष 2019 से सेना के लिए युवकों को तैयार कर रहे हैं।


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