कालानमक चावल के सुगंध को फैला रहा किसानों का समूह Gorakhpur News
सिद्धार्थनगर में कालानमक की खुशबू अब चारों ओर फैलने लगी है। इसे फैलाने वाले कोई नहीं बल्कि इसके उत्पादक हैं। कृषक उत्पादक संगठन बनाने के बाद इसे बाजार में उतारने में जुट गए हैं। व्यापारी भी इनसे संपर्क कर रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन : सिद्धार्थनगर में कालानमक की खुशबू अब चारों ओर फैलने लगी है। इसे फैलाने वाले कोई नहीं बल्कि इसके उत्पादक हैं। एफपीओ (कृषक उत्पादक संगठन) बनाने के बाद इसे बाजार में उतारने में जुट गए हैं। व्यापारी भी इनसे संपर्क कर रहे हैं। इन्हें शासन व प्रशासन की ओर से भी प्रोत्साहन मिल रहा है। छह एफपीओ ने कंपनी एक्ट के तहत अपना रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है, जबकि पांच ने आवेदन किया है। पूर्व में पंजीकृत एफपीओ ने वर्ष 2020 में करीब 15 टन कालानमक चावल की सप्लाई की थी। इस वर्ष इसके बढ़ने की संभावना है।
एक जनपद-एक उत्पाद में काला नमक धान चयनित
शासन ने एक जनपद-एक उत्पाद योजना में कालानमक धान को चयनित किया है। इस धान की खुशबू को वैश्विक स्वरूप प्रदान करने की योजना तैयार की। किसानों की आय को दोगुनी करने की रूपरेखा तैयार की। इसमें उत्पादक किसानों के समूह को व्यवसायिक स्वरूप देने का निर्णय लिया। एफपीओ का कंपनी एक्ट के अंतर्गत पंजीकरण कराया। अब यह संगठन घरेलू के साथ वैश्विक बाजार में अपने उत्पाद को बेच सकेंगे। इसमें कुछ एफपीओ अन्य कृषि उत्पाद को बाजार में उतार रहे हैं।
इन एफपीओ का हो चुका है पंजीकरण
ब्लाक एफपीओ का नाम
खेसरहा : शिवांश एग्रीकल्चर डेवलेपमेंट प्रोड्यूसर
खुनियांव : क्रेमटेक फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी
उसका बाजार: कपिलवस्तु फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी
शोहरतगढ़: बोधिसत्वा एग्रो फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी
मिठवल: मिठवल फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड
डुमरियागंज: हल्लौर बकरी उत्पादक कंपनी लिमिटेड
मुख्यमंत्री की पहल पर मिले सात करोड़
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कालानमक को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए काम कर रही एफपीओ (कृषक उत्पादक संगठन) को सात करोड़ रुपये उपलब्ध कराए। खेसरहा के शिवांश एग्रीकल्चर डेवलेपमेंट प्रोड्यूसर को दस टन कालानमक चावल के आपूर्ति का आर्डर मिला। वाराणसी में लगे बाजार में पहुंचे सीएम की जानकारी में मामला पहुंचा। उन्होंने तत्काल इसके निस्तारण के लिए निर्देशित किया। अब वाराणसी के कई बड़े होटलों में कालानमक चावल की आपूर्ति हो रही है।
वैश्विक पहचान मिलने लगी कालानमक चावल को
उप निदेशक कृषि लाल बहादुर यादव ने कहा कि कालानमक चावल को वैश्विक पहचान मिलने लगी है। इसके लिए गांवों में गठित एफपीओ बेहतर काम कर रही है। बाहर के व्यापारी इनसे संपर्क साधने लगे हैं। खरीफ बोआई सत्र के समय यह संगठन किसानों से उनके फसल का सौदा करेगी। बाजार में प्रतिस्पर्धा होने के कारण किसानों को अच्छा भाव मिलेगा।