परीक्षा देने को तैयार हैं 95 प्रतीशत प्री-पीएचडी के छात्र
दीनदयाल उपाध्याय विवि में 2019-20 सत्र के प्री-पीएचडी विद्यार्थियों की परीक्षा को लेकर उलझा प्रकरण सुलझता दिखने लगा है। प्रमोट किए जाने की मांग कर रहे विद्यार्थियों को जब विश्वविद्यालय ने आनलाइन परीक्षा या प्रमोट करने का विकल्प दिया तो 95 प्रतिशत विद्यार्थियों ने परीक्षा का विकल्प चुना।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय विवि में 2019-20 सत्र के प्री-पीएचडी विद्यार्थियों की परीक्षा को लेकर उलझा प्रकरण सुलझता दिखने लगा है। प्रमोट किए जाने की मांग कर रहे विद्यार्थियों को जब विश्वविद्यालय ने आनलाइन परीक्षा या प्रमोट करने का विकल्प दिया तो 95 प्रतिशत विद्यार्थियों ने परीक्षा का विकल्प चुनकर एक तरह से अपनी स्वीकारोक्ति दे दी है।
विश्वविद्यालय ने पहले ही निर्धारित कर रखी है परीक्षा की तिथि
विश्वविद्यालय ने प्री-पीचएचडी परीक्षा की तिथि पहले से ही सात व नौ जनवरी निर्धारित कर दी है। सात जनवरी को रिसर्च मैथेडोलाजी और नौ जनवरी को कंप्यूटर एप्लिकेशन की परीक्षा आयोजित होगी। विद्यार्थियों की स्वीकारोक्ति के बाद निर्धारित तिथि पर परीक्षा लेने की तैयारी विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग ने शुरू कर दी है।
18 दिसंबर को ही वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया था परीक्षा फार्म
प्री-पीएचडी विद्यार्थी बीते एक पखवारे से विभिन्न मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। इन मांगों में एक मांग उन्हें प्रमोट किए जाने की भी है। इस बीच विश्वविद्यालय ने इसे लेकर सात और जनवरी को परीक्षा लेने की तारीख तय कर दी। 18 दिसंबर को उसकी ओर से अपनी वेबसाइट पर एक विकल्प फार्म अपलोड कर दिया गया। फार्म को भरने की तारीख 22 तिथि 22 दिसंबर निर्धारित की गई थी। प्री-पीएचडी के सभी विद्यार्थियों के लिए इस फार्म को भरना अनिवार्य किया गया था।
पांच प्रतिशत छात्रों ने प्रमोट किए जाने का चुना है विकल्प
फार्म भरने की तिथि समाप्त होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने जब फार्म के प्रति विद्यार्थियों के रुझान का अध्ययन किया तो पता चला कि 95 फीसद विद्यार्थियों ने परीक्षा देने का विकल्प चुना है। पांच प्रतिशत विद्यार्थियों ने प्रमोट किए जाने का विकल्प चुना है। प्रमोशन के इच्छुक विद्यार्थियों के विषय में निर्णय लेने के लिए विश्वविद्यालय ने कुलाधिपति से अनुमति लेने की बात कही है। अनुमति मिलेगी तभी प्रमोट करने की कार्यवाही की जाएगी।
प्रमोसन चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए राजभवन से मांगी जाएगी अनुमति
दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय सिंह ने बताया कि प्रमोट किए जाने की मांग कर रहे विद्यार्थियों में से 95 प्रतिशत विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी विकल्प फार्म में परीक्षा देने का विकल्प भरा है। इससे साबित हो रहा है कि ज्यादातर विद्यार्थी परीक्षा देने के उत्सुक हैं। जो विद्यार्थी प्रमोट होना चाहते हैं, उनके लिए राजभवन से अनुमति मांगी जाएगी। अनुमति मिलने के बाद ही प्रमोट किया जाएगा, वरना नहीं।