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यूपी के इस जिले के 60 गांवों में चार दिन से है अंधेरा, जानें क्या है कारण

चक्रवाती तूफान का असर सर्वाधिक बिजली व्यवस्था पर रहा। काफी प्रयास के बाद बरहज की बिजली आपूर्ति तो बहाल कर दी गई लेकिन जिले के 60 गांवों की बिजली आपूर्ति अभी तक ठप है। आपूर्ति बहाल करने में दिनभर कर्मचारी जुटे रहे।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Mon, 31 May 2021 07:10 PM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 07:10 PM (IST)
यूपी के इस जिले के 60 गांवों में चार दिन से है अंधेरा, जानें क्या है कारण
मठिया महावल के पास आंधी में टेंढ़ा हुआ विद्युत पोल। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : चक्रवाती तूफान का असर सर्वाधिक बिजली व्यवस्था पर रहा। काफी प्रयास के बाद बरहज की बिजली आपूर्ति तो बहाल कर दी गई, लेकिन जिले के 60 गांवों की बिजली आपूर्ति अभी तक ठप है। आपूर्ति बहाल करने में दिनभर कर्मचारी जुटे रहे। आपूर्ति ठप होने से लोगों के मोबाइल समेत अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण बंद रहे।

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चक्रवाती तूफान ने गर्मी से दी राहत

उमस भरी गर्मी के बीच आए चक्रवाती तूफान ने लोगों को गर्मी से राहत देने का काम किया। बारिश के चलते खेतों की जोताई शुरू हो गई है और धान के पड़े बेहन को भी बारिश के चलते लाभ हुआ है। सर्वाधिक दिक्कत बिजली विभाग के लिए हुई है। बरहज विद्युत उपकेंद्र में आई खराबी को सुबह ठीक कर लिया गया और बिजली व्यवस्था बहाल कर दी गई। तीन दिनों से लगातार बिजली आपूर्ति ठप होने से उपभोक्ताओं में हाहाकार मचा रहा। अधीक्षण अभियंता जीसी यादव ने कहा कि अभी भी 60 गांवों की बिजली आपूर्ति प्रभावित है। आपूर्ति बहाल करने में कर्मचारी जुटे हुए हैं। जल्द ही खराबी दूर कर बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।

ट्रांसफार्मर जला, आपूर्ति ठप

गजहड़वा उपकेंद्र से संचालित प्रतापपुर फीडर के चित्रसेन बनकटा का ट्रांसफार्मर चार दिन पूर्व जल गया, जिससे उपभोक्ता अंधेरे में है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सुध कोई नहीं ले रहा। एसडीओ कामतानाथ पांडे ने कहा कि इसकी जानकारी नहीं है।

बढ़ा राप्ती का पानी ,नकइल के पास धंसा एप्रोच

राप्ती पर नकइल गांव से गोरखपुर जनपद के बड़हलगंज के ददरी गांव से को जोड़ने वाले पीपे के पुल के एप्रोच पर राप्ती का पानी बह रहा है, जिससे आवागमन खतरे से खाली नहीं है। विभाग 15 जून तक पीपा का पुल हटा देता है। इस बार यास तूफान आने से राप्ती के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी होने से पीपा का पुल पर खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। वाहन चालकों के  राहगीरों के लिए खतरा बनता जा रहा है। इससे कभी भी घटना घट सकती है। आवागमन ठप होने से लोगों को मदनपुर के  सेमरा और असवनपार पुल से करीब 16 किमी लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।


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