देवरिया व कुशीनगर के 55 हजार किसानों पर इतने रुपये बकाया, जानकर उड़ जाएंगे आपके होश
साधन सहकारी समितियों व जिला सहकारी बैंक की विभिन्न शाखाओं का देवरिया व कुशीनगर के 55 हजार किसानों पर 173.11 करोड़ रुपये बकाया है। बकाया जमा करने के लिए सरकार ने एक मुश्त समाधान योजना संचालित तो किया लेकिन इसको लेकर किसान गंभीर नहीं हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : साधन सहकारी समितियों व जिला सहकारी बैंक की विभिन्न शाखाओं का देवरिया व कुशीनगर के 55 हजार किसानों पर 173.11 करोड़ रुपये बकाया है। बकाया जमा करने के लिए सरकार ने एक मुश्त समाधान योजना संचालित तो किया, लेकिन इसको लेकर किसान गंभीर नहीं हैं। एक वर्ष में मात्र ढाई करोड़ रुपये जमा हो सका है।
देवरिया के 185 व कुशीनगर के 143 साधन सहकारी समितियों को दिया गया था धन
देवरिया-कसया जिला सहकारी बैंक देवरिया की तरफ से वर्ष 1997 तक देवरिया के 185 व कुशीनगर के 143 साधन सहकारी समितियों को धन दिया गया था। समितियों ने कृषि ऋण योजना के तहत करोड़ों रुपये ऋण समिति से जुड़े किसानों में वितरित किया, जिसमें किसानों ने खाद, बीज लेकर खेतीबारी की लेकिन धन जमा करने के नाम पर चुप्पी साध लिया। देवरिया के साधन सहकारी समितियों का 66.26 करोड़ व कुशीनगर के 100.62 करोड़ रुपये किसान सदस्यों पर बकाया है। कई बार बैंक द्वारा नोटिस भी किसानों व समितियों को भेजा गया, लेकिन बकायेदार किसान बकाया जमा करने से परहेज करते हुए नजर आ रहे हैं। इस बीच बैंक ने एक मुश्त समाधान योजना चला रखा है। इसमें वर्ष 1997 तक ऋण लेने वाले किसानों को ब्याज नहीं देना है। इसका लाभ दिसंबर 2021 तक किसान ले सकेंगे।
बकायेदार किसान अपने मूलधन को जमा कर योजना का लाभ लें
देवरिया-कसया जिला सहकारी बैंक देवरिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी भारण भूषण ने कहा कि एक मुश्त समाधान योजना के तहत बकायेदार किसान अपने मूलधन को जमा कर दें और इस योजना का लाभ लें। अभी तक इस योजना के तहत ढाई करोड़ रुपये जमा कराए जा चुके हैं।
बेहतर उत्पादन के लिए भूमि में पोषकतत्व जरूरी
क्षेत्र के सोनाड़ी मोड़ स्थित जिला नेफेड कार्यालय पर किसान-जवान सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें कृषि विशेषज्ञों द्वारा किसानों को भूमि की उर्वरा शक्ति बनाए रखने को टिप्स दिए गए। कृषि विशेषज्ञ अभिषेक चतुर्वेदी ने कहा कि यदि कृषि भूमि में आवश्यक कमियों को पूरा किया जाए तो इससे फसलों के उत्पादन पर काफी प्रभाव पड़ेगा। कृषि भूमि से अधिक उत्पादन लेने के लिए समय-समय पर पोषक तत्वों पर ध्यान देने की अपील किसानों से की।