Move to Jagran APP

नेपाल में बंधक 47 मजदूर गोरखपुर लौटे

गोरखपुर : नेपाल के काठमांडू में ईट भट्ठे पर बंधक बनाए गए 47 मजदूर, उनके परिजनों को ने

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Mar 2018 02:11 PM (IST)Updated: Sat, 24 Mar 2018 02:11 PM (IST)
नेपाल में बंधक 47 मजदूर गोरखपुर लौटे
नेपाल में बंधक 47 मजदूर गोरखपुर लौटे

गोरखपुर : नेपाल के काठमांडू में ईट भट्ठे पर बंधक बनाए गए 47 मजदूर, उनके परिजनों को नेपाल पुलिस ने शिकायत के बाद मुक्त कराया हैं। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के रहने वाले सभी मजदूर श्रीनगर से नेपाल काम करने के लिए गए थे। बीते एक वर्ष से सभी नेपाल में फंसे थे, देर शाम उन्हें गोरखपुर लाया गया।

loksabha election banner

पीलीभीत के रहने वाले शरीफ अहमद, मेहंदी हसन, तौफीक और श्रीनगर के सब्बीर ने छत्तीसगढ़ बिलासपुर 39 मजदूर समेत 47 लोगों को लेकर श्रीनगर पहुंचे। बाद में सभी को नेपाल के काठमांडू ईट भट्ठे पर लाया गया। आरोप है कि मजदूरों को बिना मजदूरी काम कराया गया। मजदूरों ने इसकी शिकायत खानाखोली थाने पर की, लेकिन नेपाल पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। बाद में मजदूरों ने बिलासपुर में जनजागृति संस्थान चलाने वाली मंजू देवी से संपर्क कर मामले की जानकारी दी। संस्था की ओर से कोर्ट में अपील की गई। मामला विदेश मंत्रालय तक पहुंचा। नेपाल दूतावास से संपर्क बंधक बनाए गए मजदूरों को मुक्त कराए जाने की अपील की गई। मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि ने बताया कि चम्पावत पुलिस ने सभी को मुक्त कराया और गोरखपुर संस्था को इसकी जानकारी दी। राजेश मणि ने बताया कि सभी को काठमांडू से लखनऊ लाया गया। देर शाम सभी मजदूर गोरखपुर के बरगदवा पहुंचे। शनिवार को दुर्ग एक्सप्रेस से सभी को बिलासपुर भेजा जाएगा। मजदूरो ने 12 महीने से काम कराया जा रहा था। सब्बीर ने पहले श्रीनगर में रखा। बाद में उसने कहा कि नेपाल में सभी को रुपये मिल जाएगा। बंधक बनाए गए मजदूरों में रामकिशुन, राजकुमार, पंचराम, मैना बाई, चादनी, रिया, शालू, अनमोल, रामलाल, राजिम बाई, मिथुन, सुरेन्द्र, संजय , रौशनी, सरोजनी , गोपी चाँद, निर्मला आदि शामिल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.