गोरखपुर में सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर व दारोगा से 43 लाख रुपये की ठगी
Online fraud साइबर ठगों ने गोरखपुर में तीन पुलिस कर्मियों के खातों से करीब 43 लाख रुपये की ठगी की है। इसमें से एक मामले की जांच क्राइम ब्रांच व अन्य की जांच साइबर थाना कर रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। साइबर ठगों ने आपदा को भी अवसर बना लिया है। इस बार उनकी नजर पुलिस विभाग के सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों पर है। वह उनके पास फोन करके आनलाइन पेंशन भेजने के नाम पर उनका खाता खंगाल ले रहे हैं। गोरखपुर जिले में अभी तक ऐसे तीन मामले सामने आ चुके हैं। साइबर ठगों ने तीनों पुलिस कर्मियों के खातों से करीब 43 लाख रुपये की ठगी की है। इसमें से एक मामले की जांच क्राइम ब्रांच व अन्य की जांच साइबर थाना कर रहा है।
ट्रेजरी अफसर बनकर की ठगी
सेवानिवृत्त निरीक्षक पदमाकर राय शाहपुर थाना क्षेत्र के धर्मपुर में किराये के मकान में रहते हैं। वह बलिया जिले के सिकंदरपुर थाने के लिलकर गांव के मूल निवासी हैं। बीते 31 मार्च को वह बलरामपुर जिले के क्राइम ब्रांच के प्रभारी पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि बीते 29 अप्रैल को उनके पास एक अननोन नंबर से काल आया था। कालर ने खुद को ट्रेजरी अफसर बताकर फोन किया। कहा कि इस समय सभी कार्यालय बंद चल रहे हैं। ऐसे में आपकी पेंशन आनलाइन खाते में जाएगी।
वेरीफिकेशन को लेकर उसने मुझे मेरा नाम, मेरा डेट आफ बर्थ, पुलिस भर्ती की तिथि सहित अन्य कई जानकारियां दीं। पुलिस भर्ती की तिथि बताने से ऐसा प्रतीत हुआ कि इस व्यक्ति के पास फाइल गई है। यह गलत नहीं हो सकता है। थोड़ी देर बाद उसने कहा कि मोबाइल पर कुछ नंबर गया होगा। वह नंबर बताते ही खाते से दस लाख रुपये कट गए।
दारोगा के खाते से भी निकाले 13.20 लाख
पदमाकर राय के साथ ही देवरिया जिले के रहने वाले श्याम नारायण सिंह बलरामपुर जिले के उपनिरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। श्याम नारायण सिंह शाहपुर थाना क्षेत्र के पादरीबाजार में मकान बनवाकर रहते हैं। साइबर ठगों ने उनके खाते से 13.20 लाख रुपये इसी तरह निकाले हैं।
इन पुलिस कर्मियों के खातों से भी हुई ठगी
खजनी थाना क्षेत्र के रहने वाले नरेन्द्र राय बीते फरवरी माह में उपनिरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। साइबर ठगों ने उनके खाते में आनलाइन पेंशन भेजने के नाम पर 20 लाख रुपये निकाल लिए हैं।
बस्ती जिले के निवासी एक सेवानिवृत्त दारोगा के खाते से भी 16.5 लाख रुपये की ठगी हुई है।
पांच लाख रुपये से अधिक ठगी के प्रमुख मामले
तीन माह पूर्व गीडा थाना क्षेत्र में विधायक के नाम से जालसाज ने फोन करके तत्कालीन शाखा प्रबंधक एसबीआई मनीष चंद्रा से 5.75 लाख रुपये जालसाज ने अपने खाते में स्थानांतरित कर लिया था।
आठ माह पूर्व जालसाजों ने चेक का क्लोन बनाकर सहजनवां के एक व्यक्ति के खाते से 9.80 लाख रुपये अपने खाते में स्थानांतरित करा लिया।
कहीं पुलिस विभाग की साइट तो नहीं हो गई है हैक
सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर पदमाकर राय ने बताया कि उनकी अधिकांश पीडि़त साथियों से बात हुई है। सभी को पुलिस भर्ती की तिथि बताई गई है। ऐसे में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि जालसाजों ने कहीं पुलिस विभाग की साइट या ट्रेजरी की साइट तो नहीं हैक कर ली है। यदि ऐसा हुआ होगा तो सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को बड़ा नुकसान हो सकता है।
साइबर फ्राड को लेकर अलर्ट कर रहा साइबर थाना
किसी भी माध्यम से आनलाइन पेमेंट न करें। अज्ञात क्यूआर कोड स्कैन करने से बचें।
किसी भी प्रकार का डाटा, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक आदि वाट्सएप के माध्यम से न भेजें।
यदि कोई व्यक्ति खुद को सेना का अधिकारी बताकर आपके पास आईकार्ड, पैनकार्ड आदि भेजने की बात करे तो उस पर भरोसा न करें।
अपने मोबाइल में एनीडेस्क, टीम व्यूवर, क्विक सपोर्ट जैसे एप कभी डाउनलोड न करें।
साइबर जालसाजी के मामलों को लेकर सभी पुलिस कर्मियों को अलर्ट किया जा रहा है। पुलिस कर्मियों के साथ हुए जालसाजी के मामलों की जांच की जा रही है। - डा.एमपी सिंह, एसपी क्राइम।