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Coronavirus Lockdown Day 35: महाराष्‍ट्र से सिद्धार्थनगर पहुंचे 424 कामगार, सभी क्वारंटाइन Gorakhpur News

महाराष्‍ट्र में फंसे सिद्धार्थनगर जिले के श्रमिकों को लेकर रोडवेज की बसेें पहुंच गईं। परिवहन निगम की 11 बसों से सभी मजदूरों को लाया। उसके बाद सभी को क्‍वारंटाइन करा दिया गया।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 07:41 PM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2020 07:41 PM (IST)
Coronavirus Lockdown Day 35: महाराष्‍ट्र से सिद्धार्थनगर पहुंचे 424 कामगार, सभी क्वारंटाइन Gorakhpur News
Coronavirus Lockdown Day 35: महाराष्‍ट्र से सिद्धार्थनगर पहुंचे 424 कामगार, सभी क्वारंटाइन Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। महाराष्ट्र में फंसे कामगारों को उनके घर पहुंचाने का काम प्रदेश सरकार ने तेजी से शुरू कर दिया है। मंगलवार की भोर से शाम तक 11 रोडवेज बसों से 424 कामगार सिद्धार्थनगर जिले में पहुंचे। सिद्धार्थनगर-बस्ती सीमा स्थित डिड़ई चेक पोस्ट पर इन्हें लेकर आने वाली बसों में तीन बसें ललितपुर व आठ बसें झांसी डिपो की हैं। सभी कामगारों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया गया है, जबकि यह सभी झांसी में भी क्वारंटाइन रहे।

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महाराष्‍ट्र से चले थे पैदल, झांसी में रोक किया क्‍वारंटाइन

मजदूर महाराष्ट्र के विभिन्न जनपदों से 17 दिन पूर्व पैदल व ट्रकों से निकल पड़े थे। झांसी पहुंचते ही प्रशासन ने इन्हें रोक लिया और 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन करा दिया। रविवार को इनकी अवधि पूर्ण होने पर सरकार ने इन्हें रोडवेज की बसों से सिद्धार्थनगर जनपद के लिए भेज दिया।

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने की जांच

सुबह इन बसों के पहुंचते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी की थर्मल जांच कराया। फिर जो जिस तहसील के थे उन्हें वहां के क्वारंटाइन  सेंटरों पर भेज दिया। ललितपुर व झांसी डिपो की बसों द्वारा आये इन कामगारों में बांसी के 64, इटवा 219, डुमरियागंज 23, नौगढ़ 64 व शोहरतगढ़ तहसील के 54 लोग शामिल हैं। बांसी के 64 कामगारों को बांसी नगर पालिका में स्थित महामाया पालीटेक्निक व न्यू पब्लिक इंटर कालेज में क्वारंटाइन किया गया है।

पिकअप में भरकर क्‍वारंटाइन सेंटर भेजा

मुंबई से चले, फिर झांसी में आठ दिन रुके। यहां से 27 लोग सरकारी बस से सिद्धार्थनगर जिले के इटवा कस्‍बा तक लाए गए, जहां से सभी को क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया। परंतु चौराहे से क्वारंटाइन सेंटर ले जाने के लिए जिस पिकअप पर बैठाया गया, वह बहुत छोटी थी। उसमें सभी मुश्किल से बैठे हुए थे। फिजिकल डिस्टेंसिंग पूरी तरह से तार-तार नजर आई।

महाराष्ट्र में अभी फंसे हैं सिद्धार्थनगर के तमाम मजदूर

सिद्धार्थनगर जिले के सदर तहसील क्षेत्र के बचड़ा बचड़ी व पिपरा नायक के करीब तीन सौ, कापियां बुकनिहा ग्रांट के करीब दो सौ, अहिरौली के सौ, कोडऱा ग्रांट के करीब चार सौ लोग महाराष्ट्र में फंसे हुए हैं। इन सभी की हालत तो इतनी खराब है कि दाने दाने के लिए तरस रहे हैं। जो लोग कमा कर पैसा घर भेजा करते थे उन्हें अब खाने के लिए घर से पैसा मंगवाना पड़ रहा हैं। सुरेंद्र शर्मा, कपिल, मंजू, बुधिराम आदि लोगो ने बताया कि सरकार ध्यान दें तो हम लोग भी घर पहुंच जाएं। बबलू, चन्द्रा, बेचन, राम नेवास, हाकिकुरहमान क्यूम, अमेरिका, आदि लोगों ने बताया कि हम सब दिहाड़ी मजदूर हैं जब से लॉकडाउन लगा है तभी से काम बंद हैं। अभी तक तो किसी तरह खर्च चल रहा था, लेकिन अब बहुत ही परेशानी बढ़ गया हैं। घरसे पैसा मंगवाना पड़ रहा है घर भी पैसा नहीं है कैसे जिंदगी चलेगी, समझ में नहीं आ रहा हैं।


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