तो 40 हजार को नहीं मिलेगा बिजली का बिल
गोरखपुर शहर में बिजली का मीटर रीडिंग का काम नई एजेंसी को मिला हुआ है। ज्यादातर मोहल्लों में मीटर रीडर नहीं पहुंच पा रहे हैं।
गोरखपुर,(जेएनएन)। नई एजेंसी आने के बाद भी शहर में मीटर रीडिंग व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। अफसरों के दावों के उलट एजेंसी के कर्मचारी कम ही इलाकों में मीटर रीडिंग कर रहे हैं। रीडिंग न होने से उपभोक्ता एकमुश्त बिल आने को लेकर परेशान हैं।
एक सितंबर से शहर में नई एजेंसी को मीटर रीडिंग का काम सौंपा गया था। उम्मीद थी कि शहर के सभी उपभोक्ताओं को समय से बिजली का बिल मिल जाएगा लेकिन शुरुआत में ही मानदेय को लेकर मामला फंस गया। एजेंसी ने जिन कर्मचारियों को तैनात किया था उन्होंने कम मानदेय मिलने की बात कह कर रीडिंग से मना कर दिया। इससे बिल बन ही नहीं सके। अब किसी तरह मीटर रीडरों को समझा-बुझाकर काम शुरू कराया गया तो वह कुछ ही इलाकों में जा सके हैं।
कम से कम 90 कर्मचारी होने चाहिए
बिलिंग एजेंसी ने एक कर्मचारी को एक महीने में दो हजार कनेक्शन की रीडिंग का निर्देश दिया है। यदि एक कर्मचारी इतनी रीडिंग कर ले तो भी कम से कम 90 कर्मचारी चाहिए। हालांकि एक महीने में दो हजार कनेक्शन की रीडिंग लेना आसान नहीं है। कर्मचारी पहले ही इस नियम का विरोध कर चुके हैं। अफसरों का दावा है कि एजेंसी ने अभी 72 कर्मचारी लगाए हैं। कुछ सरकारी मीटर रीडरों से भी काम लिया जा रहा है।
लगातार बढ़ता जा रहा है बिल
तकरीबन तीन महीने से मीटर रीडिंग न होने के कारण बिजली का बिल लगातार बढ़ता जा रहा है। उपभोक्ता परेशान हैं। कुछ लोग तो मीटर रीडिंग लेकर बिल काउंटर पर जाकर रुपये जमा कर रहे हैं लेकिन ज्यादातर को मीटर रीडर के आने का इंतजार है। उपभोक्ताओं का कहना है कि एक मुश्त हजारों का बिल आएगा तो जमा करने में दिक्कत होगी।
फैक्ट फाइल : शहर में कुल उपभोक्ता- 1.80 लाख
मीटर रीडर - 72
रोजाना बन रहे बिल- 4500-5000
मीटर रीडिंग एजेंसी का कार्य संतोषजनक नहीं
अधीक्षण अभियंता एके सिंह का कहना है कि नई मीटर रीडिंग एजेंसी का कार्य संतोषजनक नही हैं। एजेंसी ने निर्धारित से कम कर्मचारी मीटर रीडिंग के लिए लगाए हैं। सरकारी कर्मचारियों को लगाकर रीडिंग कराई जा रही है। कर्मचारी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही सभी क्षेत्रों में रीडिंग होने लगेगी।