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गोरखपुर के बिजली निगम में 40 करोड़ के उपकरण की 250 करोड़ में खरीद, इंजीनियरों ने लगाया घोटालेे का आरोप

अभियंता संघ का आरोप है कि ईआरपी के अलावा पारेषण और उत्पादन निगम में अलग-अलग दरों पर सैकड़ों करोड़ रुपये के साफ्टवेयर खरीदे गए हैं। इनका कोई उपयोग भी नहीं है। अभियंताओं ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से हस्तक्षेप की मांग की है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Thu, 11 Mar 2021 03:00 PM (IST)Updated: Thu, 11 Mar 2021 06:21 PM (IST)
गोरखपुर के बिजली निगम में 40 करोड़ के उपकरण की 250 करोड़ में खरीद, इंजीनियरों ने लगाया घोटालेे का आरोप
बिजली निगम का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। बिजली निगम के अभियंता संघ ने पिछले साल से शुरू इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) को बड़ा घोटाला बताया है। कहा कि 30-40 करोड़ रुपये के साफ्टवेयर को 250 करोड़ रुपये में खरीदा गया है। एकमुश्त समाधान योजना के लिए एम पावर पोर्टल की दिक्कतों को दूर नहीं किया जा रहा है, सिर्फ अभियंताओं को प्रताडि़त किया जा रहा है। गर्मी में बिजली की निर्बाध आपूर्ति की व्यवस्था को छोड़कर अभियंताओं को वर्चुअल कांफ्रेसिंग और समीक्षा बैठकों में उलझाया जा रहा है। अभियंताओं ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से हस्तक्षेप की मांग की है और प्रबंधन को हटाने की मांग की।

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मोहद्दीपुर में अभियंता संघ की बैठक में क्षेत्रीय सचिव ऐश्वर्य सिंह ने कहा कि बिजली निगम प्रबंधन की अदूरदर्शिता का खामियाजा बिजलीकर्मियों के साथ ही उपभोक्ताओं को भी भुगतना पड़ रहा है।

इस दौरान मुख्य अभियंता देवेंद्र सिंह, एके सिंह, अधीक्षण अभियंता यूसी वर्मा, एमके गौड़, अविनाश गौतम, एसएन तिवारी, मुकेश गुप्ता, विकास झा आदि मौजूद रहे।

नौ दिन बाद भी काम नहीं कर रहा एम पावर पोर्टल

शाखा सचिव अमित भाटिया ने कहा कि एक मार्च से 15 मार्च तक के लिए घरेलू व नलकूप श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए एकमुश्त समाधान योजना लागू है। 10 दिन बीतने के बाद भी एम पावर पोर्टल काम नहीं कर रहा है। इस पोर्टल पर योजना के तकनीकी आंकड़ों को दर्ज करने की व्यवस्था नहीं की गई है। ज्यादातर समय सर्वर डाउन रहता है। इससे उपभोक्ताओं को दिक्कत होती है।

सैकड़ों करोड़ के खरीदे गए साफ्टवेयर

अभियंता संघ का आरोप है कि ईआरपी के अलावा पारेषण और उत्पादन निगम में अलग-अलग दरों पर सैकड़ों करोड़ रुपये के साफ्टवेयर खरीदे गए हैं। इनका कोई उपयोग भी नहीं है।

सीएससी पर जमा हुए 2.75 करोड़

जिले के कामन सर्विस सेंटरों (सीएससी) पर बिजली बिल जमा करने का फायदा निगम को मिल रहा है। फरवरी महीने में तकरीबन साढ़े छह सौ सीएससी पर 2.75 करोड़ रुपये का बिजली का बिल जमा हुआ। अधीक्षण अभियंता ग्रामीण राजीव चतुर्वेदी ने बताया कि 14 हजार से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं ने सीएससी पर बिल जमा किया। इसके लिए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डा. सरोज कुमार ने सभी को बधाई दी है।


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