आखिरकार थाने से छूटे दो दिन से बैठाए गए व्यापारी
दो दिन से पीपीगंज थाने में बिठाए गए कथित रूप से 80 लाख रुपये हड़प लेने के आरोपी को दो दिन बाद थाने से छोड़ा गया।
गोरखपुर: दो दिन से पीपीगंज थाने में बिठाए गए कथित रूप से 80 लाख रुपये हड़प लेने के आरोपित के एक भाई व एक सहयोगी को आखिर पुलिस को छोड़ना पड़ा। मंगलवार को निजी मुचलके पर उन्हें छोड़ा गया। हालांकि पुलिस ने उनको दो दिन के अंदर आरोपित को थाने में हाजिर करने की चेतावनी दी है। तब जबकि दोनों व्यापारी कथित रूप से जालसाजी करने वाले से चार साल से कोई संबंध न होने की शुरू से दुहाई दे रहे हैं।
पीपीगंज संवाददाता के अनुसार रविवार से ही दोनों व्यापारी भाई थाने में बिठाए गए थे। बताते हैं कि सोशल मीडिया पर इलाके के लोगों के इस पर गुस्सा जाहिर करने से दबाव में आई पुलिस को उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। पीपीगंज क्षेत्र में बड़या चौक गांव के प्रधान मृत्युंजय सिंह ने अपने ही गांव के संतोष जायसवाल और उनके भाई पवन उर्फ राजन और मनोज सहित पांच लोगों के विरुद्ध जालसाजी का मुकदमा दर्ज करा रखा है।
तहरीर में वादी ने आरोप लगाया है कि आठ वर्ष पूर्व संतोष जायसवाल ने जमीन का कारोबार करने के नाम पर उनसे 80 लाख रुपये उधार लिया था। बाद में रुपये वापस करने के लिए कहने पर उसने चेक दिया। वह चेक उन्होंने खाते में जमा किया तो बाउंस हो गया।
इस मामले में प्रधान की तहरीर पर पुलिस ने संतोष को तलाश करना शुरू किया। काफी प्रयास के बाद भी पता न चलने पर संतोष के भाई पवन और उनके पूर्व सहयोगी मनोज को पुलिस ने रविवार को हिरासत में ले लिया। तभी से दोनों थाने में बिठाए गए थे। दोनों लोगों का अपना खुद का कारोबार है। हिरासत में लिए जाने की वजह से उनका कारोबार ठप हो गया। इस बीच पवन की पत्नी प्रतिभा और संतोष के भाई अविनाश ने पुलिस पर सत्ताधारी दल के कुछ प्रभावशाली लोगों के दबाव में उत्पीड़न करने का आरोप लगया। प्रतिभा ने न्याय न मिलने पर बच्चों संग आत्मदाह करने की धमकी भी दे डाली।
उधर दोनों व्यापारियों का थाने में उत्पीड़न किए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल होने लगा और पुलिस की कार्यप्रणाली पर लोगों ने गुस्से का इजहार करना शुरू कर दिया। व्यापारी संगठन भी हिरासत में लिए लोगों के पक्ष में खड़े होने लगे। इससे दबाव में आई पुलिस ने प्रधान की तहरीर पर सोमवार की रात आनन -फानन धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर दोनों व्यापारियों की गिरफ्तारी दिखा दी, लेकिन दबाव के चलते मंगलवार की देर शाम उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया।