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विदेश मंत्री के आश्वासन के बाद भी सोमालिया से मुक्त नहीं हुए 33 भारतीय

मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि त्रिपाठी ने इन्हें छुड़ाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को ट्वीट किया था। उनके ट्वीट पर विदेश मंत्री ने जवाब दिया था कि वह इसके लिए सोमालिया एंबेसी से बात करेंगे और 33 भारतीयों को वहां मुक्त कराएंगे।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 06:06 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 06:06 PM (IST)
विदेश मंत्री के आश्वासन के बाद भी सोमालिया से मुक्त नहीं हुए 33 भारतीय
सोमालिया में फंसे भारतीयों द्वारा वाट्सएप पर भेजा गया पत्र।

विदेश मंत्री के आश्वासन के बाद भी सोमालिया से मुक्त नहीं हुए 33 भारतीय Gorakhpur News

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जितेन्द्र पाण्डेय, गोरखपुर। 33 भारतीयों को सोमालिया की राजधानी मोगाडिसू शहर में एसओएम स्टील लिमिटेड कंपनी ने बंधक बना रखा है। इनमें 23 भारतीय गोरखपुर-बस्ती मंडल के हैं। यह सभी सोमालिया में नौकरी करने गए थे। कंपनी ने वेतन के अलावा इनके रहने, खाने व इलाज की जिम्मेदारी ली थी। दो माह तक इन्हें वेतन भी दिया, लेकिन उसके बाद से इनकी प्रताडऩा शुरू कर दी। भारतीयों ने इसका विरोध किया तो उनका वेतन रोक दिया और उन्हें एक कमरे में बंधक बनाकर रखा है। मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि त्रिपाठी ने इन्हें छुड़ाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर  को ट्वीट किया था। उनके ट्वीट पर विदेश मंत्री ने जवाब दिया था कि वह इसके लिए सोमालिया एंबेसी से बात करेंगे और 33 भारतीयों को वहां मुक्त कराएंगे। लेकिन माह भर बीतने के बाद भी अभी तक कोई भी भारतीय सोमालिया से मुक्त नहीं हो सका है।

घर की आर्थिक स्थिति संवारने के लिए गोरखपुर-बस्ती मंडल के 23 व्यक्ति आठ माह पूर्व सोमवालिया गए। वहां वहां बीते एक जनवरी से  एसओएम स्टील लिमिटेड में काम करने लगे। कंपनी ने इन्हें दो माह तक किसी तरह से वेतन दिया, लेकिन बाद में वह भारतीयों का शोषण करने लगी। भारतीयों ने इसका विरोध किया तो कंपनी ने उनका वेतन रोक दिया। उन्हें  एक भवन में बंधक बना लिया। वहां विद्युत व जल आपूर्ति भी ठप कर दी। इससे भारतीयों की मुश्किल और बढऩे लगी। पास मौजूद रुपये भी कुछ दिन में खर्च हो गए। कंपनी कुछ लोगों ने किसी तरह से यहां मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि त्रिपाठी से संपर्क किया। उन्होंने इस प्रकरण को ट्वीट किया तो केंद्रीय विदेश मंत्री ने भी इसे संज्ञान लिया। बीते 23 अक्टूबर को उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि सोमालिया में फंसे 33 भारतीयों को राहत दिलाने के लिए उनका उच्चायोग का काम रहा है। शीघ्र समाधान की आशा है। मंत्री के आश्वासन को माह भर से अधिक हो चुके हैं। बावजूद सोमालिया में बंधक बनाए कैद भारतीय मुक्त नहीं हो सके हैं।

बंधक बनाए गए भारतीयों ने फिर लिखा पत्र

बंधक बनाए गए भारतीयों ने दो दिन पूर्व मानवा सेवा संस्थान के निदेशक को फिर पत्र लिखा है। साथ ही यह भी कहा है कि उनके प्रयासों के चलते एंबेसी (दूतावास) ने थोड़ा ध्यान देना शुरू किया है। दूतावास से जब कोई अधिकारी कंपनी चेक करने के लिए आता है तो कंपनी वाले उन्हें थोड़ा बहुत उन्हें भोजन दे देते हैं। अन्यथा उन्हें आधा पेट खाकर ही गुजारना पड़ता है। सोमालिया में बंधक बनाए गए सुग्रीम कुशवाहा, उपेंद्र सिंह, अब्दुल गनी, हैदर अली, ओमकार भारती, बलवंत, ललित मोहन आदि ने कहा है कि उनके पास मौजूद रुपये खर्च हो चुके हैं। अब पास में इतने रुपये भी नहीं रह गए हैं। अपने परिजनों को फोन पर सूचित कर सकें। ऐसे में जितनी जल्दी हो सके, उनकी रिहाई कराई जाए। उन्होंने कहा है वह प्रधानमंत्री से गुहार लगाए। ताकि वह अपने देश आ सकें।

चौरीचौरा थाना क्षेत्र के ग्राम विश्वंभपुर निवासिनी 40 वर्षीया पिंकी देवी ने बताया कि उनके पति उमेश प्रजापति भी सोमालिया में फंस गए हैं। छह दिन पूर्व पति ने किसी के मोबाइल से उन्हें फोन किया था। उमेश ने उन्हें बताया कि कंपनी वाले पहले खाने को भरपेट भोजन दे देते थे, लेकिन अब वह भी नहीं मिल पा रहा है। हमेशा उन्हें आश्वासन दिया जाता है कि दो चार दिन में उन्हें भेज दिया जाएगा। ऐसा कहते-कहते दो माह से अधिक हो गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है। करीब 9 माह से वेतन नहीं मिला है। पिंकी कहती हैं कि दो बेटे हैं। इनकी पढ़ाई के लिए ही उमेश विदेश गए थे। लेकिन साल भर से बच्चों ने फीस ना होने से पढ़ाई बंद हो गई। वह कहती है कि जब उसे खाने के लिए रुपये नहीं मिल रहे हैं। बच्चों को कहां से पढ़ा पाएगी।

प्रधानमंत्री को ट्वीट कर दी जानकारी

मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि त्रिपाठी का कहना है कि उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट करके कहा है कि विदेश मंत्री के आश्वासन के एक माह से अधिक हो गया, लेकिन 33 भारतीय सोमालिया से भारत नहीं आ सके हैं। उन्होंने ट्वीट में यह भी लिखा है कि इन्हें शीघ्र भारत बुलाया जाए। यह अत्यंत मुश्किल दौर से गुजार रहे हैं।

गोरखपुर-बस्ती मंडल के कितने भारतीय सोमालिया में फंसे

गोरखपुर जनपद के सात लोग सोमालिया में फंसे हैं। इसी तरह से सिद्धाथर्थनगर से एक, कुशीनगर के दस, देवरिया के तीन, महराजगंज का एक और संतकबीर नगर जनपद का एक व्‍यक्ति सोमालिया में फंसा हुआ हैं।


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