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ग्रामीणों को रोजगार के अवसर बता रहे 30 प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी

लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी मसूरी से प्रशिक्षण के लिए सिद्धार्थनगर जिले में आए 30 प्रशिक्षु आइएएस धनौरा बुजुर्ग गांव के ग्राम पंचायत भवन में ठहरे हैं। भौगोलिक स्थिति के साथ गांव के इतिहास की भी खोज कर रहे हैं। विशेषताओं को अपनी डायरी में नोट कर रहे हैं।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Fri, 31 Dec 2021 04:24 PM (IST)Updated: Fri, 31 Dec 2021 04:24 PM (IST)
ग्रामीणों को रोजगार के अवसर बता रहे 30 प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी
प्राथमिक विद्यालय धनौरा बुजुर्ग में बच्चों के साथ प्रार्थना सभा में शामिल प्रशिक्षु आइएएस। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी मसूरी से प्रशिक्षण के लिए सिद्धार्थनगर जिले में आए 30 प्रशिक्षु आइएएस धनौरा बुजुर्ग गांव के ग्राम पंचायत भवन में ठहरे हैं। भौगोलिक स्थिति के साथ गांव के इतिहास की भी खोज कर रहे हैं। यहां की विशेषताओं को अपनी डायरी में नोट कर रहे हैं। ग्रामीणों को रोजगार के अवसर प्राप्त करने की विधि भी बता रहे हैं। बढ़नी ब्लाक के ग्राम पंचायत धनौरा बुजुर्ग में एलएक्स अब्राहम पीजे, जाधव शुभम पांडुरंग, नारायण शर्मा वीएस, श्रीकांत रामराव मोदक, उगेन तेसरिंग व विनोद कुमार मीणा प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आए हैं। वह इस गांव के स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के साथ ग्रामीणों को जागरूक कर रहे हैं।

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नेपाल सीमा से सटा है धनौरा बुजुर्ग गांव

धनौरा बुजुर्ग ग्राम पंचायत नेपाल की सीमा पर बसा है। मिश्रित आबादी वाले इस गांव में शिक्षा की दर करीब 55 फीसद है। अधिकांश लोगों ने प्राथमिक स्तर की शिक्षा प्राप्त की हैं। प्रशिक्षु आइएएस दल के नेतृत्वकर्ता एलएक्स अब्राहम पीजे ने 30 दिसंबर को पंचायत भवन में रोजगार के अवसर सृजन करने से संबंधित कार्यशाला आयोजित किया। ग्रामीणों को बताया कि किसी गांव के विकसित होने के लिए सात बिंदु होने आवश्यक है। यह हैं, शिक्षा, रोजगार, पेयजल की व्यवस्था, अस्पताल व स्वास्थ्य, विद्युत आपूर्ति, शौचालय व आर्थिक रूप से सुदृढ़ ग्रामीण।

फायदे की खेती करने का भी दिया मंत्र

गांवों में लोग बिजली का कनेक्शन लेते हैं, लेकिन बिल का भुगतान नहीं करते हैं। इससे राजस्व की हानि होने के साथ जब संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होती है तो उसकी मान व प्रतिष्ठा दोनों जाती है। लोगों को जागरूक होना होगा। खेती में भी ऐसी फसल की बोवाई करनी चाहिए, जिसमें खर्च कम होने से बचत की संभावना अधिक होती है। साधारण प्रजाति के धान की खेती में बोवाई से लेकर कटाई तक में खर्च का अनुपात अन्य के सापेक्ष अधिक होता है। ऐसे में ऐसी प्रजाति की खेती करें, जिस चावल का अच्छा भाव मिले।

साहब खेत के बीच से बिजली के तार हटवा दो

ग्राम प्रधान अमीमुल्ला ने कहा कि खेत के बीच बिजली का पोल गुजरा है। यह तार ढीले पड़ गए हैं, जब गेहूं कटने का समय आता है तो तेज पछुआ हवा बहती है, आपस में तार के लड़ने से निकलने वाली चिंगारी से खड़ी फसल जल जाती है। यह करीब प्रत्येक वर्ष की कहानी है। इस तार को हटवा दीजिए। प्रशिक्षु आइएएस के दल ने समस्या को जिलाधिकारी दीपक मीणा के संज्ञान में देने का आश्वासन दिया।

ब्रेड-बटर के साथ पकौड़े का किया सेवन

प्रशिक्षु आइएएस का दल सुबह करीब छह बजे बिस्तर छोड़ दिया। नित्यक्रिया से फारिग होने के बाद हल्का-फुल्का कसरत किया। पास में स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रार्थना सभा में सम्मिलित हुए। बच्चों से वार्ता की। इसके बाद नाश्ता में ब्रेड-बटर के साथ पनीर व प्याज की पकौड़ी का सेवन किया। दोपहर के भोजन में रोटी, दाल, आलू, मटर गोभी की सब्जी व काला नमक चावल परोसा गया।


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