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27 के बाद ही मिलेगी भीषण गर्मी से राहत

गोरखपुर : बीती रात पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई इलाकों मसलन महाराजगंज और सिद्धार्थनगर जिले के

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 May 2018 01:07 AM (IST)Updated: Fri, 25 May 2018 01:07 AM (IST)
27 के बाद ही मिलेगी भीषण गर्मी से राहत
27 के बाद ही मिलेगी भीषण गर्मी से राहत

गोरखपुर :

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बीती रात पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई इलाकों मसलन महाराजगंज और सिद्धार्थनगर जिले के कुछ स्थानों पर हुई बारिश ने तापमान के आंकड़ों में बदलाव कर दिया। गुरुवार को बुधवार के मुकाबले अधिकतम तापमान में चार डिग्री सेल्यिस की बढ़ोत्तरी हो गई तो न्यूनतम तापमान में चार डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। बुधवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 34.4 और 28.8 डिग्री सेल्सियस था, जो गुरुवार को 38.4 और 24.6 हो गया। इससे रात में तो कुछ हद तक गर्मी से राहत मिली लेकिन दिन की गर्मी और बढ़ गई। गुरुवार को पूरे दिन लोग भीषण गर्मी से परेशान दिखे।

मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक गर्मी का यह सिलसिला अभी 27 मई तक बरकरार रहेगा। ऊपरी वायुमंडल में बन रहे वातावरण के मुताबिक 27 या 28 मई को गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना बन रही है। उधर पूर्वा हवाओं के चलते वातावरण में नमी की मात्रा भी पर्याप्त बनी हुई है। गुरुवार को आर्द्रता का प्रतिशत 80 से 52 प्रतिशत के बीच रहा। बुधवार को भी यह 54 से 78 प्रतिशत के बीच था। ऐसे में नमी की वजह से गुरुवार को भी गोरखपुर का हीट इंडेक्स 40 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहा। बुधवार का हीट इंडेक्स भी इतना ही था। मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने बताया कि एक ओर चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र पूर्वी बिहार और पश्चिमी बंगाल के ऊपरी वायुमंडल में बना हुआ है तो दूसरी ओर उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ बरकरार है। इसकी वजह से फिलहाल पूर्वी उत्तर प्रदेश का मौसम शुष्क ही रहेगा और भीषण गर्मी लोगों को परेशान करती रहेगी। उत्तरी इलाकों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना बन रही, जिसके चलते तराई वाले क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। फिलहाल गोरखपुर में बारिश की संभावना नहीं है।

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उमस भरी गर्मी की वजह से इन दिनों लोगों में सिरदर्द और माइग्रेन की शिकायत ज्यादा हो रही है। मिर्गी के मरीजों में दौरों का अंतराल कम हो गया है। इसकी वजह गर्मी के चलते धमनी और शिराओं में खून के संचलन का प्रभावित होना है। धूप में जाने पर अचानक अचानक यह ढीली हो जा रही तो धूप से हटते ही उनमें संकुचन हो जा रहा है। जल्दी-जल्दी वातावरण में हो रहे इस बदलाव को मस्तिष्क झेल नहंीं पा रहा, जिसके चलते तमाम तरह की दिक्कतें आ रही हैं। इससे बचाव के लिए धूप में निकलने के दौरान सिर पर टोपी का गमछे का इस्तेमाल जरूर करें। कोशिश करें कि सिर पर धूप की किरणें सीधी न पड़ें। मस्तिष्क के रोगियों को विशेष तौर पर सजग रहना होगा।

डॉ. मुकेश शुक्ला, न्यूरो सर्जन भीषण गर्मी का सीधा प्रभाव आंख पर पड़ रहा है। आंखों में चुभन और खुजली की शिकायत वाले मरीज काफी आ रहे हैं। आंखे मटमैली या लाल हो जा रही हैं। इसकी वजह इस मौसम में आंखों के पानी का सूख जाना है। नमी और धूप के तालमेल की वजह से आंखों में एलर्जी भी खूब हो रही है। बच्चे और युवा इससे ज्यादा प्रभावित हैं। इससे बचना है तो घर से बाहर निकलते समय चश्मे का इस्तेमाल करें। आखों का पानी सूखने न पाए, इसके लिए चिकित्सक की सलाह से एंटी एलर्जिक और लुब्रीकेंट आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें। धूप से आने के बाद आंख को पानी से धोएं और हो सके तो उसे ठंडक देने के लिए बर्फ और खीरे के टुकड़े का इस्तेमाल करें।

डॉ. रजत कुमार, नेत्र सर्जन


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