यहां साल भर में सूख गए 25 सौ से अधिक पौधे
पिछले साल पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती के अवसर पर बड़ी धूमधाम से उनके नाम से स्मृति उपवन लगाया गया था। अब वहां खाली खेत है।
By Edited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 09:10 AM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 01:53 PM (IST)
गोरखपुर, (जेएनएन)। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती के अवसर पर वर्ष 2017 में पांच जुलाई को जिले के बस्ती सदर रेंज में स्थापित पं. दीनदयाल स्मृति उपवन अब स्मृतियों में रह गया है। उपवन में रोपित पौधे तो दूर वहां लगा बोर्ड भी गायब है।
हर्रैया विधानसभा क्षेत्र के विधायक अजय सिंह, रुधौली के विधायक संजय प्रताप जायसवाल, मुख्य विकास अधिकारी अर¨वद कुमार पांडेय, तत्कालीन डीएफओ वीके मिश्र सहित अधिकारियों की मौजूदगी में बस्ती सदर रेंज के डमरुआ जंगल ग्राम पंचायत में सड़क किनारे पं.दीनदयाल स्मृति उपवन की स्थापना की गई थी।
जनप्रतिनिधियों के साथ ही अधिकारियों ने पौधरोपण कर विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए थे। छह हेक्टेयर में 2550 पौधे लगाए गए थे जिनमें शीशम, कड़जी, सिरस, जामुन, कदम, नीम, आम, गुटेल, अर्जुन के अलावा शोभाकार पौधे महोगनी, चक्रेशिया, अकेशिया भी रोपे गए थे। पं. दीनदयाल स्मृति उपवन की स्थापना पर भव्य कार्यक्रम भी किया गया था। पर्यावरण और पौधरोपण पर केंद्रित एक गोष्ठी भी हुई थी।
उपवन में लगाए गए पौधों की देखभाल के लिए वाचर भी तैनात था। पौधों की ¨सचाई के लिए वन विभाग के वाटर टैंकर का प्रयोग करने और रोपित पौधों की सुरक्षा के लिए उपवन के किनारे-किनारे सुरक्षा खाई बनाने की भी बात की गई थी। कार्यक्रम के दौरान उपवन को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले वन विभाग ने बाद में इस तरफ मुड़कर भी नहीं देखा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग ने उपवन के नाम पर महज औपचारिकता पूरी की। उसके बाद से आज तक इसकी सुधि नहीं ली। न तो उपवन में पौधों को पानी देने की व्यवस्था की गई और न ही कोई वाचर इसकी देखभाल के लिए तैनात किया गया। नतीजतन जो पौधे लगाए गए थे वह सूख गए। अब सिर्फ घास दिखती है। साइन बोर्ड तक नहीं बचा। जान बूझकर हटा दिया गया बोर्ड : पर्यावरण संरक्षण को लेकर समय समय पर आवाज उठाने वाले अधिवक्ता दिलशाद हसन खान ने कहा कि बोर्ड को वन विभाग ने ही गायब कर दिया होगा।
इसके पीछे वजह यह रही होगी कि बोर्ड रहेगा तो सबकी नजर पं. दीनदयाल स्मृति उपवन की ओर जाएगी और विभाग की कारस्तानी सबके सामने आ जाएगी। मौके पर जाकर देखेंगे : बस्ती वृत्त के वन संरक्षक एसएन मिश्र का कहना है कि अभी हाल में बस्ती ज्वाइन किया हूं ऐसे में पं. दीनदयाल स्मृति उपवन के बारे में जानकारी नहीं हो पाई है। इसके बारे में पूरी जानकारी करने के बाद खुद मौके पर जाकर देखेंगे। जो भी जिम्मेदार होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
हर्रैया विधानसभा क्षेत्र के विधायक अजय सिंह, रुधौली के विधायक संजय प्रताप जायसवाल, मुख्य विकास अधिकारी अर¨वद कुमार पांडेय, तत्कालीन डीएफओ वीके मिश्र सहित अधिकारियों की मौजूदगी में बस्ती सदर रेंज के डमरुआ जंगल ग्राम पंचायत में सड़क किनारे पं.दीनदयाल स्मृति उपवन की स्थापना की गई थी।
जनप्रतिनिधियों के साथ ही अधिकारियों ने पौधरोपण कर विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए थे। छह हेक्टेयर में 2550 पौधे लगाए गए थे जिनमें शीशम, कड़जी, सिरस, जामुन, कदम, नीम, आम, गुटेल, अर्जुन के अलावा शोभाकार पौधे महोगनी, चक्रेशिया, अकेशिया भी रोपे गए थे। पं. दीनदयाल स्मृति उपवन की स्थापना पर भव्य कार्यक्रम भी किया गया था। पर्यावरण और पौधरोपण पर केंद्रित एक गोष्ठी भी हुई थी।
उपवन में लगाए गए पौधों की देखभाल के लिए वाचर भी तैनात था। पौधों की ¨सचाई के लिए वन विभाग के वाटर टैंकर का प्रयोग करने और रोपित पौधों की सुरक्षा के लिए उपवन के किनारे-किनारे सुरक्षा खाई बनाने की भी बात की गई थी। कार्यक्रम के दौरान उपवन को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले वन विभाग ने बाद में इस तरफ मुड़कर भी नहीं देखा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग ने उपवन के नाम पर महज औपचारिकता पूरी की। उसके बाद से आज तक इसकी सुधि नहीं ली। न तो उपवन में पौधों को पानी देने की व्यवस्था की गई और न ही कोई वाचर इसकी देखभाल के लिए तैनात किया गया। नतीजतन जो पौधे लगाए गए थे वह सूख गए। अब सिर्फ घास दिखती है। साइन बोर्ड तक नहीं बचा। जान बूझकर हटा दिया गया बोर्ड : पर्यावरण संरक्षण को लेकर समय समय पर आवाज उठाने वाले अधिवक्ता दिलशाद हसन खान ने कहा कि बोर्ड को वन विभाग ने ही गायब कर दिया होगा।
इसके पीछे वजह यह रही होगी कि बोर्ड रहेगा तो सबकी नजर पं. दीनदयाल स्मृति उपवन की ओर जाएगी और विभाग की कारस्तानी सबके सामने आ जाएगी। मौके पर जाकर देखेंगे : बस्ती वृत्त के वन संरक्षक एसएन मिश्र का कहना है कि अभी हाल में बस्ती ज्वाइन किया हूं ऐसे में पं. दीनदयाल स्मृति उपवन के बारे में जानकारी नहीं हो पाई है। इसके बारे में पूरी जानकारी करने के बाद खुद मौके पर जाकर देखेंगे। जो भी जिम्मेदार होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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