साढ़े तीन माह में लग्जरी कारों से 22886 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद
गोरखपुर : बिहार में शराब बंदी के बाद शराब की तस्करी में बेतहाशा वृद्धि हुई है। बिहार बार्डर से सटे जिलों में शराब का अवैध कारोबार निर्वाध गति से जारी है।
गोरखपुर : बिहार में शराब बंदी के बाद शराब की तस्करी में बेतहाशा वृद्धि हुई है। बिहार बार्डर से सटे कुशीनगर, देवरिया और महराजगंज जिलों से शराब की तस्करी निर्वाध गति से जारी है। कहीं से कच्ची भेजी जा रही है तो कहीं पर हरियाणा और पंजाब निर्मित अंग्रेजी शराब भेजी जा रही है।
यद्यपि कि पुलिस लगातार इस पर निगरानी कर रही है। बावजूद इसके तस्कर किसी न किसी रास्ते शराब को बिहार पहुंचाने में सफल हो ही जा रहे हैं। पिछले तीन माह के दौरान कुशीनगर जिले के तरयासुजान थाना क्षेत्र में 20 लग्जरी कारों से 22886 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद हुआ है। इस मामले में 32 तस्करों को जेल भेजा जा चुका है। इसके बावजूद शराब तस्करी पर अंकुश नहीं लग पा रही है। पुलिस कैरियर को पकड़ती है, लेकिन शराब माफिया तक पहुंचने में अब तक सफल नहीं हो सकी है। बिहार में शराबबंदी का असर यूपी के सीमावर्ती इलाकों में साफ देखा जा सकता है। नकली अंग्रेजी शराब सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली आदि प्रांतों के शराब से समूचा सीमावर्ती इलाका भरा पड़ा है। गांवों व कस्बों से शराब की पेटियां व वाहन पुलिस बरामद कर रही है। 14 दिसंबर 2017 से 14 अप्रैल 2018 तक तरयासुजान पुलिस द्वारा अंग्रेजी शराब, वाहन व तस्कर पकड़े गए हैं। अंग्रेजी शराब के अलावा डिनेचर स्प्रीट व कच्ची शराब भारी मात्रा में कई ड्रम बरामद हुए हैं।
हालांकि पुलिस दावा करती है कि शराब तस्करी हर हाल में रोकी जाएगी, लेकिन शराब तस्करी का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। शराब माफिया तस्करी के लिए बेरोजगार नौजवानों का उपयोग कर रहे हैं। अब तक जितने भी तस्कर पकड़े गए हैं, उनकी उम्र 20 से 30 वर्ष के बीच है। सरगना गाड़ियों मे शराब लाद कर उन्हें बिहार ले जाने के लिए सौंप देते हैं और खुद दूर रह कर निगरानी करते हैं।
सीओ रामकृष्ण तिवारी ने कहा है कि पुलिस ईमानदारी से कार्य कर रही है। इसी का परिणाम है कि तस्करी की शराब पकड़ी गई है। असली तस्करों को भी चिह्नित किया जा रहा है।