22 ने कोरोना से जीती जंग,15 नए पाजिटिव
संक्रमितों की संख्या बढ़कर हुई 4638अब तक स्वस्थ हुए 4365 जागरण संवाददाता बस्ती जिले में कोरोना संक्रमण का कहर बरकरार है। रविवार को 22 ने
जागरण संवाददाता, बस्ती : जिले में कोरोना संक्रमण का कहर बरकरार है। रविवार को 22 ने कोरोना को हराया। वहीं 773 की आई जांच रिपोर्ट में 758 निगेटिव जबकि 15 नए कोरोना पाजिटिव पाए गए। इसी के साथ जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4638 हो गई है। कोरोना संक्रमण के चलते अब तक 90 लोग जान गवां चुके हैं। अब तक 4365 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या 183 पहुंच गई है।
सीएमओ डा. एके गुप्ता ने बताया कि जिले से 184060 लोगों का सैंपल लिया जा चुका है। इसमें 183187 लोगों की रिपोर्ट प्राप्त की जा चुकी है। 178549 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 873 लोगों की रिपोर्ट प्रतीक्षारत है।
संक्रमित मरीजों में पैड़ी खंभा, रुधौली में एक, बड़गो खास, बनकटी में एक, बरहुआ में एक, साकेतपुरी, रौतापार में एक, सुल्तानपुर,गौर में एक, स्टेशन रोड पुरानी बस्ती में एक, हिनौता में एक, गांधीनगर में एक, रेलवे स्टेशन के एक होटल में चार, आवास विकास कालोनी में एक तथा बहादुरपुर में एक शामिल हैं। इन सभी को कोविड-19 अस्पताल में शिफ्ट कराया गया है।
बेहतर कार्य के लिए तीन स्वास्थ्य उपकेंद्रों की एएनएम सम्मानित
जागरण संवाददाता, बस्ती : जिले के तीन स्वास्थ्य उप केंद्रों तिलकपुर, कुसौरा तथा ओड़वारा में मानक के अनुसार बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए वहां की एएनएम को जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
विकास भवन सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में तिलकपुर की एएनएम सुनीता शुक्ला, कुसौरा की माया देवी तथा ओड़वारा की चंद्रा देवी सम्मानित हुईं। जिलाधिकारी ने इनके कार्यों की सराहना की। कहा कि अन्य उप केंद्रों की व्यवस्था को भी इसी तरह से बेहतर बनाएं ताकि लोगों का विश्वास बढ़े और निर्धारित सुविधाएं मिलती रहें। पिछले माह डीएम ने जिले के सभी उप केंद्रों को सक्रिय करते हुए सभी संसाधन एवं सुविधाओं से लैस करने के निर्देश दिए थे। पिछले दो तहसील दिवसों के बाद उन्होंने उस क्षेत्र के दो केंद्रों का निरीक्षण भी किया। वहां के कर्मचारियों को अच्छे कार्य के लिए प्रेरित भी किया। जिलाधिकारी ने कहा जिले के सभी 273 उप केंद्र अपनी पूरी क्षमता से कार्य करें और वहां के स्थानीय जनता को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध होती रहें तो उन्हें पीएचसी, सीएचसी पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।