भूले गश्त मिलान, बढ़ा अपराध का तापमान- ढाई माह में 17 लूट, 25 हत्याएं Gorakhpur News
पुलिस का रात्रि गश्त मिलान कार्यक्रम ना सिर्फ थाना प्रभारी व उनके अधीनस्थों के लिए था बल्कि इसमें अधिकारियों की भी ड्यूटी लगती थी। अधिकारी भ्रमण पर रहते थे और वह यह देखते थे कि गश्त मिलान कार्यक्रम का थाना प्रभारी उचित ढंग से पालन कर रहे हैं अथवा नहीं।
गोरखपुर, जितेंद्र पाण्डेय। चोरी, वाहन चोरी, लूट, छिनैती सहित तमाम अपराधों को नियंत्रित करने का अचूक अस्त्र था पुलिस का रात्रि गश्त मिलान कार्यक्रम। इससे पुलिस रात में सड़कों नजर आती और तमाम अपराध तो उसके दिखने भर से थम जाते थे। लेकिन विभाग के जिम्मेदार अपने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को भूल चुके हैं। इसका परिणाम है कि जिले के अपराध में लगातार वृद्धि हो रही है। बदमाशों ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है और पुलिस बड़ी वारदातों में छोटी धाराएं दर्ज कर किसी तरह अपना काम चला रही है।
पुलिस का रात्रि गश्त मिलान कार्यक्रम ना सिर्फ थाना प्रभारी व उनके अधीनस्थों के लिए था, बल्कि इसमें विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की भी ड्यूटी लगती थी। अधिकारी भ्रमण पर रहते थे और वह यह देखते थे कि गश्त मिलान कार्यक्रम का थाना प्रभारी उचित ढंग से पालन कर रहे हैं अथवा नहीं। लेकिन अधिकारियों ने अपनी सुविधा के अनुसार इसकी अनदेखी की तो थानास्तर पर यह पूरी तरह से समाप्त हो गया। आमतौर पर पुलिस का यह अभियान लूट, छिनैती, चोरी, वाहन चोरी की घटनाओं को कम करने के लिए था, लेकिन इधर देखा जाए तो तीन माह में आधा दर्जन से अधिक हत्या के मामले ऐसे रहे हैं, जिसमें हत्या के बाद आरोपितों ने शव रात में कहीं झाडि़यों अथवा सड़क किनारे फेंक निकल गए। पिपराइच थाना क्षेत्र में 12 दिन बाद भी यह ज्ञात नहीं हो सका है कि हत्या कर फेका गया शव किस युवती का था। पीपीगंज थाना क्षेत्र में पुलिस ने रागिनी के हत्यारोपित को भले गिरफ्तार कर लिया, लेकिन हत्या के बाद उसके पति ने उसके शव को रात में ही फेका था। ऐसे और भी कई मामले हैं।
बढ़ा गया चोरों दुस्साहस
पुलिस के रात्रि गश्त मिलान कार्यक्रम बंद होने का परिणाम है कि चोरों का दुस्साहस बढ़ा है। पहले वह सड़कों पर चोरी छिपे निकलते थे। लेकिन अब तो वह सड़क किनारे वाले घर को ही टार्गेट करते हैं। वह भी ऐसा नहीं कि चोरी करें और चलते बनें। बल्कि घंटों वह एक ही घर अथवा दुकान को टार्गेट करके चोरी कर रहे हैं। बुधवार को खुद पुलिस ने बताया कि उन्होंने चोरों के ऐसे गिरोह को पकड़ा है जो दाल, गेहूं आदि खाद्य पदार्थों की चोरी करते थे। वह इसे बड़े पैमाने पर चोरी करते थे। स्पष्ट है कि इसकी चोरी में समय अधिक लगेगा और जब समय अधिक लगेगा तो पकड़े जाने का डर भी रहेगा। पुलिस ने खुद पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि पीपीगंज में शातिर चोर डकैती की योजना बना रहे थे। बात साफ है कि सड़क पर पुलिस की उदासीनता से चोरों का हौसला मजबूत हुआ है। इसका परिणाम है कि बीते ढाई माह में जिले में 120 से अधिक चोरी, वाहन चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं।
जानिए ढाई माह में कितना बढ़ा अपराध
हत्या- 25
लूट- 17
चोरी, वाहन चोरी- 120
रात्रि गश्त मिलान व पिकेट ड्यूटी को जल्द ही शुरू किया जाएगा। इसके लिए सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि एक थानाध्यक्ष अपने थाने के बार्डर पर दूसरे थानाध्यक्ष से मिले। इसकी चेकिंग भी की जाएगी। - जोगेंद्र कुमार, एसएसपी।