16 वर्ष विद्यालय को भवन का इंतजार
देवरिया के अमेठी गांव में केंद्रीय विद्यालय के लिए आवंटित भूमि का कुछ हिस्सा कानूनी विवाद में फंस गया है।
देवरिया, जेएनएन। केंद्रीय विद्यालय देवरिया को 16 वर्षाें बाद भी अपना भवन नसीब नहीं हो सका है। भवन न होने से बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की योजना पूरी नहीं हो पा रही हैं।
वर्तमान में राजकीय आइटीआइ के जर्जर भवन में विद्यालय संचालित हो रहा है। देवरिया में 2003-04 में केंद्रीय विद्यालय स्थापित हुआ। विद्यालय वर्तमान में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के भवन में संचालित हो रहा है। जून 2009 में जिला प्रशासन ने शहर से सटे राजस्व ग्राम अमेठी में 9.673 एकड़ जमीन विद्यालय के नाम दर्ज कराई। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने भवन निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग को स्वीकृति दी।
नौ साल बाद 20 मई 2018 को पूर्व केंद्रीय मंत्री व वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भूमि पूजन किया था। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने चहारदीवारी निर्माण कार्य शुरू किया। कानूनी पचड़े की वजह से नवंबर 2019 में कार्य बंद है।
478 बच्चों का हुआ है प्रवेश
केंद्रीय विद्यालय में वर्तमान में कक्षा एक से 10 तक कुल 478 बच्चों का नामांकन हुआ है। यदि विद्यालय को अपना भवन मिल गया होता तो तीन सत्रों में पढ़ाई होने पर छात्रों की संख्या तीन गुना यानी करीब 1500 होती। बच्चे इंटर तक की शिक्षा ग्रहण करते।
हाईकोर्ट में चल रहा विवाद
केंद्रीय विद्यालय के नाम दर्ज कुछ हिस्से पर एक व्यक्ति ने अपना हक जताया है। उन्होंने राजस्व परिषद का स्थगन आदेश दिखाकर कार्य रोक दिया था। जिसे बाद में राजस्व परिषद ने खारिज कर दिया। वर्तमान में मामला हाईकोर्ट में चल रहा है।
केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य केशव प्रसाद ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय को आवंटित भूमि के कुछ हिस्से पर हाईकोर्ट में मुकदमा चल रहा है। जबतक कोई निर्णय नहीं आ जाता। तबतक निर्माण कार्य कराना संभव नहीं है।