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गर्मी ने तोड़ा 13 साल का रिकार्ड

गोरखपुर : उसम भरी भीषण गर्मी ने जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विशेषज्ञों के मुताि

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 05:00 AM (IST)Updated: Thu, 24 May 2018 05:00 AM (IST)
गर्मी ने तोड़ा 13 साल का रिकार्ड
गर्मी ने तोड़ा 13 साल का रिकार्ड

गोरखपुर :

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उसम भरी भीषण गर्मी ने जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इस गर्मी ने मई महीने का बीते 13 वर्ष का रिकार्ड तोड़ दिया है। बुधवार को गोरखपुर का न्यूनतम तापमान 28.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। बीते 13 वर्षो में यह मई का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान है। अभी फिलहाल एक-दो दिन तक इस गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली। तापमान बढ़ने का यह सिलसिला जारी रहेगा।

मई महीने के बीते 13 वर्षो के न्यूनतम आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन करके गोरखपुर इन्वायरमेंटल एक्शन ग्रुप के मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने बताया कि बुधवार को जो न्यूनतम तापमान रिकार्ड किया गया, वह बीते 13 वर्ष में मई का सर्वाधिक तापमान है। मई का इससे अधिक न्यूनतम तापमान 2004 में रिकार्ड किया गया था, जब इसका आंकड़ा 29.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। उसके बाद 2010 में 28.7 डिग्री सेल्सियस तक पारा पहुंचा लेकिन इस बार यह 28.8 डिग्री तक पहुंच गया है। बुधवार का न्यूनतम तापमान सामान्य से 3.8 डिग्री अधिक रहा। मौसम विशेषज्ञ के अनुसार 23 मई को न्यूनतम तापमान सामान्य तौर पर अधिकतम 25 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। कैलाश पांडेय ने बताया कि न्यूनतम तापमान के अधिकतम स्तर पर रहने की वजह से गर्मी का स्तर बढ़ गया है, जिससे सुबह व रात भी गर्म हो गई है और 24 घंटे भीषण गर्मी पड़ रही है।

उधर पूर्वा हवाओं के चलते बंगाल की खाड़ी की ओर से आ रही नमी का साथ पाकर धूप ने हीट इंडेक्स बढ़ा दिया। अधिकतम तापमान तो 38.4 डिग्री सेल्सियस था लेकिन हीट इंडेक्स की वजह से 41 से 46 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी का अहसास हुआ। बुधवार को आ‌र्द्रता का प्रतिशत 57 से 76 प्रतिशत के बीच रहा। मौसम विशेषज्ञ ने बताया कि निचले वायुमंडल में अधिकतम आर्द्रता की वजह से गोरखपुर में निम्न वायुदाब का क्षेत्र नहीं बन पा रहा। यही वजह है कि आसमान में बादलों के जमे रहने के बावजूद बारिश की स्थिति नहीं बन रही। उन्होंने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से में हल्की बूंदाबांदी तो हो सकती है लेकिन इससे राहत नहीं मिलेगी बल्कि उमस बढ़ जाएगी। गर्मी से राहत के लिए एक बार में 20 मिलीमीटर से अधिक बारिश जरूरी है।

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ऐसे टूटा न्यूनतम तापमान का रिकार्ड (डिग्री सेल्सियस में)

वर्ष न्यूनतम तापमान

2018 28.8

2017 26.2

2016 27.4

2015 27.6

2014 27.4

2013 28.1

2012 28.2

2011 26.8

2010 28.7

2009 26.8

2008 25.3

2007 26.3

2006 27.2

2005 26.8

2004 29.8

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नमक को लेकर सजग रहे हृदय रोगी

उमस भरी गर्मी की वजह से पसीना निकलता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है और खून मोटा हो जाता है। ऐसे में हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। कई बार लकवे की शिकायत भी हो जाती है। पसीने की वजह से शरीर में नमक का संतुलन भी बिगड़ जाता है, जिसका खामियाजा हृदय रोगियों के साथ-साथ सामान्य व्यक्ति को भी भुगतना पड़ सकता है। इसके अलावा जो लोग एसी में रहते हैं उन्हें अचानक तापमान के बदलाव से बचना चाहिए। बाहर की गर्मी के बाद अचानक एसी की ठंड मिलने से खून की नलियां सिकुड़ जाती है, जिसका प्रभाव खून के संचलन पर पड़ता है। हृदय रोगियों के लिए तो यह काफी घातक है।

डॉ. सुधीर कुमार, हृदय रोग विशेषज्ञ मांसपेशियों के संचलन के लिए खूब पीएं पानी

नमक का मांसपेशियों से सीधा संबंध है। शरीर में संतुलित नमक की मात्रा मांसपेशियों के मूवमेंट के लिए जरूरी होती है। ऐसे में जब पसीने के साथ शरीर का नमक निकल जाता है तो उससे मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं। ऐसे में बेहद जरूरी है कि शरीर में पानी और नमक की संतुलित मात्रा को जरूर बनाए रखें। दिन में कम से कम तीन से छह लीटर पानी जरूर पीएं। नमक-चीनी का घोल पीकर नमक और शुगर की मात्र का संतुलन बनाए रखने का प्रयास करें।

डॉ. इमरान अख्तर, हड्डी रोग विशेषज्ञ

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गर्मी के प्रभाव से ऐसे करें बचाव

दिन में करीब तीन से छह लीटर पानी जरूर पीएं

बाहर निकलते समय नमक-चीनी का घोल साथ रखें।

घर से निकलते समय शरीर के अधिकतम अंगों को ढंका रखें।

कोशिश करें कि शरीर पर सीधी धूप न लगे।

आंखों को चश्में से ढककर ही घर से बाहर निकलें।

बाहर से आकर सीधे कूलर और एसी के सामने न जाएं।

चमड़े के रोम छिद्र खुले रहें, इसके लिए सूखे पसीने को पानी से धो दें।


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