Lockdown में कोटे 13 दुकानें निलंबित, अभी भी मिल रहीं कालाबाजारी की शिकायतें Gorakhpur News
जरूरतमंदों को यूनिट के सापेक्ष कम राशन मिल रहा है। कुछ जरूरतमंदों से मनमानी कीमत वसूली जा रही है। लाकडाउन के दौरान जांच में राशन की कुल 13 दुकानें निलंबित कर दी गई।
गोरखपुर, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान कोई भी परिवार भूखा न रह जाए, इसलिए सभी कार्डधारकों को माह में दो बार राशन दिए जा रहे हैं। इस पर भी कालाबाजारियों की नजर है। जरूरतमंदों को यूनिट के सापेक्ष कम राशन मिल रहा है। कुछ जरूरतमंदों से मनमानी कीमत वसूली जा रही है। हालांकि पूर्ति विभाग इससे इंकार कर रहा है।
गोरखपुर में 7.92 लाख कार्डधारक
जिले में कुल 7.92 लाख कार्डधारक हैं। इन्हें माह में एक बार मुफ्त राशन दिया जा रहा है। दूसरी बार में भी 3.54 लाख कार्डधारक को मुफ्त राशन वितरित किया जाता है। शेष से उचित सरकारी दर ली जाती है।
संकट की इस घड़ी में भी कालाबाजारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। इसे लेकर रोजाना पूर्ति विभाग से लेकर तहसील प्रशासन तक शिकायतें हो रही हैं। जांच में शिकायतें सही मिल रही हैं। इस बार कोटेदारों व संबंधित कोटे की दुकानों के विरुद्ध कार्रवाई भी हुई है। लाकडाउन के दौरान कोटे की कुल 13 दुकानें निलंबित की जा चुकी हैं। कार्रवाई के साथ ही जिले में कालाबाजारी के खेल का भी पर्दाफाश हुआ है।
यह तर्क दे रहा है आपूर्ति विभाग
हालांकि राशन कम मिलने के सवाल पर पूर्ति विभाग यह भी कहता है कि जिले में 30 हजार लोग ऐसे भी थे जो अन्य जिलों से भी राशन ले रहे थे, उनकी यूनिट भी कम हुई है। ऐसे लोगों की शिकायतों की जांच हुई तो पता चला कि दूसरे जिले में इनके कार्ड से राशन उठा लिए गए हैं।
कालाबाजारी के आरोप में इतनी हुई कार्रवाई
कालाबाजारी की लगातार आ रही शिकायतों के मद्देनजर आपूर्ति विभाग कार्रवाइयां भी कर रहा है। अब तक तीन दुकानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। जबकि आठ को नोटिस दिया गया है। इसके अलावा कोटे की 13 दुकानें निलंबित की जा चुकी हैं।
जिले में कुल कोटे के दुकानों की संख्या 1935
जिले में कोटे की दुकानों की संख्या 1935 हैं जो 7.92 लाख कार्डधारकों को राशन उपलब्ध करा रही हैं।
शिकायतों का तत्काल संज्ञान ले रहा विभाग
जिला पूर्ति अधिकारी आनंद सिंह का कहना है कि जिले में पूरी निष्पक्षता से राशन का वितरण किया जा रहा है। किसी भी कार्डधारक को कम राशन नहीं दिया जा रहा है। कहीं भी शिकायत मिल रही है तो विभाग उसे तत्काल संज्ञान में लेकर कार्रवाई कर रहा है।