खाना बनाते घर में लगी आग से बारह लोग झुलसे Gorakhpur News
विनोद निषाद के घर में शुक्रवार रात छठ माता के पूजा के लिए पकवान बनाया जा रहा था। इस दौरान रसोई गैस सिलिंडर में रिसाव से आग लग गई। कमरे में दीया जल रहा था। इससे आग फैल गई।
गोरखपुर, जेएनएन। गीडा थाना क्षेत्र के ग्रामसभा कोडऱी कला में गैस रिसाव से विनोद निषाद के घर में आग लग गई। इससे उनके परिवार के 12 लोग झुलस गए। इसमें से तीन की स्थिति गंभीर है। उनका जिला चिकित्सालय में इलाज चल रहा है।
विनोद निषाद के घर में शुक्रवार रात छठ माता के पूजा के लिए पकवान बनाया जा रहा था। इस दौरान रसोई गैस सिलिंडर में रिसाव से आग लग गई। कमरे में दीया जल रहा था। इससे आग फैल गई। बाद में किसी तरह से दमकल व ग्रामीणों के सहयोग से आग पर काबू पाया गया। अग्निशमन कर्मियों ने सिलेंडर को घर से बाहर खेत में फेंक दिया। पूजन के दौरान अधिकांश लोग कमरे ही मौजूद थे। इससे 12 व्यक्ति झुलस गए। इसमें से 9 की स्थिति गंभीर देख उसे इलाज के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया। इसमें तीन की स्थिति नाजुक बनी हुई है। आग लगने से घर में रखे जेवरात, कपड़े, खाद्यान्न सब जल कर राख हो गए। मौके पर गीडा पुलिस भी मौजूद रही। परिजनों ने आग से बचाव के लिए पहले ही विद्युत आपूर्ति ठप कर दी थी। अन्यथा हादसा और बड़ा होता।
झुलसे लोगों में यह हैं शामिल
आग से झुलसे लोगों में विनोद के अलावा उनकी पत्नी सुनीता, कडज़हां गोरखपर निवासिनी 35 वर्षीया संजू, 22 वर्षीय शैलेश, 21 वर्षीया गुडिय़ा, राजन, आलोक तथा दरुआ पाली निवासी रंजीत, कविता, दुर्गावती आदि शामिल हैं। इन्हें इलाज के लिए गोरखपुर जिला चिकित्सालय भेजा गया है। इसमें गुडिय़ा, कविता और संजू की हालत गंभीर है। विनोद, दिवाकर, दीपक, रवि और सरोज का उपचार गांव में ही चल रहा है। विनोद ने बताया कि घर में नुकसान का अभी पता नहीं चल पा रहा है। उन्होंने कहा कि आग लगने से रिश्तेदारों के भी रुपये, जेवर, कपड़े आदि जले हैं। घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा है। गांव वालों ने स्थानीय प्रशासन से मदद की मांग की है।
सिलिंडर, मवेशी लेकर खेत में भागे पड़ोसी
आग लगते ही विनोद के घर के इर्द-गिर्द अफरा-तफरी मच गई। पड़ोसी आग लगने पर सिलिंडर व मवेशी लेकर खेत में भाग गए।
पर्व मनाने के लिए चंडीगढ़ से घर आये थे विनोद
45 वर्षीय विनोद चंड़ीगढ़ में विद्युत विभाग में चौकीदार के पद पर कार्यरत हैं। छठ व दीपावली पर्व मनाने के लिए दो नवंबर को ही घर आए हुए थे। पर्व मनाने के लिए 19 नवंबर को उनके रिश्तेदार भी घर पर आ गए थे।