आधार सीडिग में लटके 1.18 लाख जाबकार्ड
दरअसल सभी जाबकार्डधारकों का आधारकार्ड बैंक खाता से जोड़ने का शासन का फरमान है। आधार के सीडिग होने से श्रमिक की पहचान संबंधी पूरा विवरण सत्यापित हो जाता है साथ ही किसी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना भी समाप्त हो जाती है।
महराजगंज: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत श्रमिकों के आधार सीडिग के कार्यों में लापरवाही उजागर हो रही है। अभी तक सिर्फ 268501 जाबकार्ड के ही आधार की सीडिग हो सकी है। जबकि 1.18 लाख जाबकार्ड सीडिग के अभाव में लटके हैं।
दरअसल सभी जाबकार्डधारकों का आधारकार्ड बैंक खाता से जोड़ने का शासन का फरमान है। आधार के सीडिग होने से श्रमिक की पहचान संबंधी पूरा विवरण सत्यापित हो जाता है, साथ ही किसी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना भी समाप्त हो जाती है। लेकिन जिले के तीन लाख सत्तासी हजार एक सौ पंचानबे जाबकार्डधारक में से सिर्फ 268501 जाबकार्डधारकों का ही आधार सीडिग किया जा सका है। शेष 1.18 लाख जाबकार्डधारकों के सीडिग का कार्य ब्लाक स्तर पर लापरवाही के कारण अभी तक पूरा नहीं हो सका। इससे शासन की पारदर्शिता व्यवस्था पर पानी फिर रहा है। परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण राजकरन पाल ने बताया कि रोजगार सेवक, ग्राम पंचायत अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने गांवों के जाबकार्डधारकों का आधारकार्ड बैंक खाता से जोड़वाएं। साथ ही इसकी प्रगति रिपोर्ट भी उपलब्ध कराएं।
क्या है आधार सीडिग
आधारकार्ड को बैंक खाता से जोड़ना आधार सीडिग कहलाता है। इससे सरकार की अपनी योजनाओं को लागू करने में आसानी होती है तथा योजना से मिलने वाली धनराशि, सब्सिडी ग्राहक के खाते में आसानी से भेजी जा सकती है।
ब्लाकवार लंबित जाबकार्ड
बृजमनगंज में 12501, धानी में 4110, घुघली में 10598, लक्ष्मीपुर में 11008, महराजगंज में 12403, मिठौरा में 8604, नौतनवा में 7072, निचलौल में 15428, पनियरा में 9744, परतावल में 7262, फरेंदा में 6907 तथा सिसवा में 13057 जाबकार्ड आधार सीडिग के लिए अवशेष हैं।