अंतिम दिन हुआ 1.10 अरब का भुगतान
गोरखपुर : वित्तीय वर्ष 2017-18 के आखिरी दिन बची हुई धनराशि खर्च करने के लिए सार्वजनिक अवक
गोरखपुर : वित्तीय वर्ष 2017-18 के आखिरी दिन बची हुई धनराशि खर्च करने के लिए सार्वजनिक अवकाश के बावजूद अधिकतर विभागों में अधिकारी एवं कर्मचारी देर रात तक जमे रहे। काम को लेकर कोषागार भी देर रात तक गुलजार रहा। आज कई विभागों में धनवर्षा हुई तो सुस्ती व लापरवाही के कारण कई विभागों को शासन को धनराशि वापस भी करनी पड़ी। आखिरी दिन करीब 1.10 अरब रुपए का भुगतान किया गया और छह करोड़ रुपए वापस करने पड़े।
वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन बिलों के भुगतान व प्राप्त राशि के हिसाब के लिए कार्यालय खुले रहे। देर रात तक आधा दर्जन विभागों को भुगतान किया गया। प्राप्त राशि खर्च न कर पाने में समाज कल्याण विभाग का नाम सबसे ऊपर रहा। शादी अनुदान योजना व छात्रवृत्ति की करीब दो करोड़ से अधिक धनराशि वापस हुई। मेडिकल कालेज व जिला अस्पताल में मेडिकल प्रतिपूर्ति के मद का एक करोड़ रुपया शामिल है। सामान्य दिनों में जहां कोषागार में 100 से 110 बिल का होता है वहीं अंतिम दिन 400 से अधिक बिलों का भुगतान हुआ। बिलों के भुगतान में सर्वाधिक स्थानातरण मेडिकल कॉलेज को हुआ। हालाकि अंतिम दिन गोरखपुर के लिए कोई खास बजट नहीं आया। कोषागार में विकास भवन के लिए 1.45 करोड़ रुपये का बजट आया तो माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए 67 लाख रुपये।
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चर्चा में रहा आठ रुपए के बिल का भुगतान
वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन कोषागार में जहां करोड़ों रुपए के भुगतान की बात हो रही थी, वहीं शाम करीब छह बजे आठ रुपए के बिल का भुगतान कराने पहुंचा कर्मचारी चर्चा में रहा। उसका बिल देख वहा के अफसर और कर्मचारी भी सकते में आ गए। नियमानुसार विभाग को इस बिल का भुगतान करना पड़ा।