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नाबालिग से किया था दुष्कर्म, कोर्ट ने सुनाई दस साल की सजा Gorakhpur News

गोरखपुर में नाबालिग से दुष्कर्म का जुर्म सिद्ध पाए जाने पर विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट नम्रता अग्रवाल ने अभियुक्त पप्पू उर्फ प्रशांत को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 30 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2021 09:02 AM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2021 06:04 PM (IST)
नाबालिग से किया था दुष्कर्म, कोर्ट ने सुनाई दस साल की सजा Gorakhpur News
कोर्ट ने नाबालिग से दुष्‍कर्म करने वाले को दस साल की सजा सुनाई है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। नाबालिग से दुष्कर्म का जुर्म सिद्ध पाए जाने पर विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट नम्रता अग्रवाल ने अभियुक्त पप्पू उर्फ प्रशांत को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 30 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। अर्थदंड का भुगतान न करने पर अभियुक्त को 13 माह 21 दिन के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। 

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पड़ोस में रहने वाला पप्पू उर्फ प्रशांत पीडि़ता को 14 मई 2018 की रात 11 बजे बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। सुनवाई के दौरान ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी रणविजय सिंह ने अदालत के सामने अभियोजन का पक्ष रखा। बचाव पक्ष की भी दलीलें सुनने के बाद पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने अभियुक्त को सश्रम कारावास और अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया। 

हत्यारोपित की जमानत अर्जी खारिज 

जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग नारायण सिंह ने हत्यारोपित अर्जुन चौहान की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। अभियोजन का पक्ष रखते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता यशपाल सिंह और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार मिश्र ने अदालत को बताया कि रामगढ़ बाजार निवासी बब्बू के ससुर सुदाम का गला रेतकर कुसम्हीं जंगल में फेंक दिया गया था। उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। विवेचना में एक महिला सहित तीन अभियुक्तों का नाम सामने आया। तीनों आरोपित इस समय न्यायिक अभिरक्षा में जेल में हैं। बेतियाहाता, कैंट निवासी आरोपित अर्जुन ने जमानत अर्जी दाखिल की थी। अभियोजन और बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद अदालत ने जमानत अर्जी खारिज करने का फैसला सुनाया।

गैर इरादतन हत्या के जुर्म में सात साल की कैद 

गैर इरादतन हत्या के जुर्म में अभियुक्त अंजनी सिंह को अपर सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार खरवार ने सात साल की कैद की सजा सुनाई है। साथ ही उसे 11 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया हैै। अर्थदंड का भुगतान न करने पर अभियुक्त को एक साल एक माह का अतिरिक्त कारावास काटना पड़ेगा। कोतवाली इलाके के मोहल्ला धम्माल निवासी अदनान अहमद, भाई तौसीफ अहमद के साथ शास्त्री चौराहे पर स्थित होटल में 24 दिसंबर 2011 की रात 11 खाना खा रहे थे। उसी समय स्कार्पियो सवार कुछ लोग आए और होटल में विवाद करने लगे। इस दौरान स्कार्पियो सवारों ने गोली चला दी। तौसीफ अहमद घायल हो गए। इस मामले में अन्य अभियुक्तों के साथ बेलघाट क्षेत्र के रसूलपुर बाबू गांव निवासी अंजनी सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रमेश चंद पांडेय और अतुल कुमार शुक्ल ने अदालत में अभियोजन का पक्ष रखा। सुनवाई के बाद पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने अभियुक्त को दंडित करने का फैसला सुनाया।


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