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10 ट्रेड और चार अनुदेशक, संसाधन के अभाव में उद्देश्य विफल Gorakhpur News

राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सेवरही कुशीनगर महज शो पीस बनकर रह गया है। युवाओं को तकनीकी ज्ञान देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की योजना केंद्र की बदहाली के चलते यहां साकार होती नहीं दिख रही है इससे युवाओं का सपना टूट रहा है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 03:10 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 03:10 PM (IST)
10 ट्रेड और चार अनुदेशक, संसाधन के अभाव में उद्देश्य विफल Gorakhpur News
कुशीनगर के सेवरही स्थित राजकीय आइटीआइ भवन। जागरण

धनेश्वर पांडेय, गोरखपुर : जिम्मेदारों की लापरवाही से राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सेवरही, कुशीनगर महज शो पीस बनकर रह गया है। युवाओं को तकनीकी ज्ञान देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की योजना केंद्र की बदहाली के चलते यहां साकार होती नहीं दिख रही है, इससे युवाओं का सपना टूट रहा है।

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विधायक स्व.रामसकल तिवारी के प्रयास से सेवरही में वर्ष 1989 में आइटीआइ केंद्र की स्थापना हुई थी। भवन के अभाव में यह केंद्र 28 वर्षों तक तमकुही स्टेट परिसर में किराये के भवन में संचालित होता रहा। वर्ष 2017 में सेवरही उपनगर के समीप गांव तिवारी पट्टी में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का भवन बनकर तैयार हुआ और संस्थान का संचालन खुद के भवन में शुरू हुआ।

उम्‍मीद जगी पर कुछ नहीं हो सका

उम्मीद जगी कि संस्थान की बदहाली दूर होगी और यह युवाओं को रोजगार परक प्रशिक्षण प्रदान कर इन्हें स्वावलंबी बनाने में मदद करेगा, पर ऐसा नहीं हो सका। स्थापना के 30 वर्ष पूरे कर चुके संस्थान की स्थिति यह है कि यहां सृजित 10 अनुदेशकों के पद फीटर, इलेक्ट्रीशियन, ट्रैक्टर मैकेनिक, इलेेक्ट्रानिक्स, वेल्डर, कंप्यूटर, मैकेनिक, रेफ्रीजरेशन एंड एयरकंडीशनिंग स्वीइंग टेक्नोलाजी व बेसिक कास्मेटिक के सापेक्ष महज चार पदों फीटर, इलेक्ट्रानिक्स इलेक्ट्रीशियन व ट्रैक्टर मैकेनिक के अनुदेशकों की तैनाती है।

प्रत्येक ट्रेड में 20 प्रशिक्षुओं का होता है नामांकन 

महत्वपूर्ण बात यह भी है कि महिलाओं के लिए स्वीकृत दो पद स्वीइंग टेक्नोलाजी व बेसिक कास्मेटिक के अनुदेशक की यहां अब तक तैनाती ही नहीं हुई। प्रत्येक ट्रेड में 20 प्रशिक्षुओं का नामांकन होता है। संस्थान में बिजली कनेक्शन अब तक नहीं हो सका है। इससे प्रशिक्षु प्रयोगात्मक जानकारी से वंचित हैं। दो वर्ष पूर्व संस्थान की ओर से 16.63 लाख रुपये जमा करने के बावजूद बिजली विभाग अब तक कनेक्शन नहीं दे सका है। परिसर में सिर्फ एक इंडिया मार्क हैंडपंप स्थापित है। पेयजल की समुचित व्यवस्था न होने से प्रशिक्षुओं को दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। पडरौना स्थित आईटीआइ के प्रधानाचार्य शरदचंद्र सबरवाल को यहां अतिरिक्त प्रभार मिला है। उनका कहना है कि किसी तरह से काम चल रहा है। समस्याओं के बारे में शासन को अवगत कराया गया है।


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