गांव की इज्जत बनाने में रोज 10 हजार को मिल रहा रोजगार Gorakhpur News
जिले में 1189 सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जाना है। इनमें से 812 का निर्माण चल रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। 'गांव की इज्जत (सामुदायिक शौचालय) बनाने में रोज 10 हजार बेरोजगार हाथों को रोजगार मिल रहा है। इससे लॉकडाउन में घर लौटे कामगारों को बड़ी राहत मिली है। सरकार ने गरीब कल्याण योजना के तहत दोहरा काम किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसका निर्माण होने से ऐसे लोगों को खुले में शौच से मुक्ति भी मिलेगी, जिनके घर शौचालय नहीं है।
बनाए जाने हैं 1189 सामुदायिक शौचालय, 812 का चल रहा निर्माण
जिले में 1189 सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जाना है। इनमें से 812 का निर्माण चल रहा है। एक सामुदायिक शौचालय के निर्माण पर चार मिस्त्री व आठ मजदूरों को रोजगार मिल रहा है। एक शौचालय पर मनरेगा के तहत 230 मानव दिवस सृजित किया जा रहा है। आमतौर पर एक महीने में काम को समाप्त करना है। यदि मनरेगा के मद से भुगतान पूरा नहीं पड़ता तो दूसरे मद से भुगतान किया जा रहा है। मिस्त्री का भुगतान केंद्रीय वित्त के जरिये किया जा रहा है। सामुदायिक शौचालय तीन तरह के होंगे। इनकी लागत क्रमश: चार लाख, 5.2 लाख व 6.8 लाख रुपये है।
महिला समूह के पास होगी रख-रखाव की जिम्मेदारी
तैयार सामुदायिक शौचालयों के रख-रखाव की जिम्मेदारी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला समूहों को दी जाएगी। इसके लिए ग्राम पंचायतों की ओर से उनको एक निश्चित धनराशि दी जाएगी।
पंचायत भवन के निर्माण से भी मिल रहा रोजगार
गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत जिले में 131 पंचायत भवनों का भी निर्माण हो रहा है। एक भवन के निर्माण में पांच मिस्त्री व नौ मजदूर कार्य कर रहे हैं। 1834 को रोजगार मिल रहा है। इसके अलावा टाइल्स लगाने वाले कारीगरों व प्लंबर को भी रोजगार मिल रहा है। जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर का कहना है कि जिले में गरीब कल्याण योजना के तहत सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवन का निर्माण किया जा रहा है। गांवों में स्वच्छता के साथ लोगों को रोजगार भी मिल रहा है।