ये कैसी दुश्वारी, एक कर्मी पर 70 हजार की जिम्मेदारी
कहिक किीत जिीत जिीरत जिीद कतहम
- दो तहसील क्षेत्र में अग्निशमन केंद्र ही नहीं, 40 किलोमीटर दूर तक आग बुझाने जाते हैं दमकल
संसू, गोंडा : आग की घटनाएं अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं। हर दिन आग से लोगों की संपत्ति जल रही है। कहीं पर बिजली का तार टूट रहा है तो कहीं पर छोटी सी चिगारी सब कुछ राख कर दे रही है। जिले की कुल आबादी 35 लाख है, ऐसे में जिले में आग बुझाने के लिए महज 53 कर्मचारी (फायरमैन) हैं। हैरत की बात तो यह है कि जिले के दो तहसीलों में अग्निशमन केंद्र तक नहीं है। ऐसे में लोगों को मुश्किलों से जूझना पड़ रहा है।
मंडल मुख्यालय व मनकापुर तहसील क्षेत्र में अग्निशमन केंद्र स्थापित है। कर्नलगंज तहसील में अग्निशमन केंद्र भवन का निर्माण अभी पूरा नहीं हो पाया है। वहीं तरबगंज तहसील में जमीन के अभाव में न अग्निशमन केंद्र का निर्माण हो सका और न ही आग से बचाव के कोई इंतजाम हुए। कर्नलगंज व तरबगंज तहसील के गांवों में आग की घटना पर मुख्यालय व मनकापुर से गाड़ियां भेजी जाती हैं। मंडल मुख्यालय से करीब 40 से 50 किलो मीटर दूरी तय करने में देर हो जाती है और जब तक अग्निशमन दल पहुंचता है तब तक आग में सबकुछ राख हो चुका होता है। जिले में कुल चार दमकल (मोटर फायर इंजन) व एक छोटी गाड़ी है। कर्मियों की तैनाती पर एक नजर
-अग्निशमन अधिकारी के तीन पद हैं। सभी रिक्त हैं। इसी तरह अग्निशमन अधिकारी द्वितीय के चार पद में से एक पर तैनाती है। लीडिग फायरमैन सात की जगह मात्र तीन हैं। चालक के भी तीन पद रिक्त हैं। वहीं फायरमैन के 23 पद रिक्त चल रहे हैं। आग बुझाने का रहता है प्रयास - मुख्य अग्निशमन अधिकारी रामसुमेर त्रिपाठी ने बताया कि कर्मियों की कमी के बावजूद आग बुझाने का पूरा प्रयास किया जाता है। उन्होंने बताया कि कर्नलगंज व तरबगंज तहसील क्षेत्र में अभी अग्निशमन केंद्र नहीं है। ऐसे में मंडल मुख्यालय से यहां गाड़ियां भेजी जाती हैं।