मौसम ने बदला रंग, बीमारियां दिखा रहीं दम
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. घनश्याम गुप्ता का कहना है कि रात में तपमान अधिक गिर जाता है। ऊपर से मच्छरों का प्रकोप है। इसलिए लोग अभी भी पंखा चला कर सो रहे हैं। छोटे बच्चे सोते समय कपड़ा हटा देते हैं। जिससे उन्हें ठंड लग जाती है। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है जिससे उनकी पसलियां चलने लगती है।
गोंडा: सर्दी की दस्तक के साथ ही बीमारियों का कहर शुरू हो गया है। हृदय व सांस रोग के साथ ही निमोनिया के भी मरीज बढ़ने लगे हैं। गत 24 घंटे के भीतर जिला अस्पताल में भर्ती बालिका समेत दो की इलाज के दौरान मौत हो गई है। वार्ड में भर्ती मरीजों के इलाज के लिए टीमें लगाई गई हैं।
जिला अस्पताल में मंगलवार को फिजीशियन की ओपीडी फुल रही। यहां पर तीन बजे तक मरीजों को देखा गया। वहीं पर हृदय रोग का भी यही हाल रहा। बाल रोग विभाग की ओपीडी में दोगुने मरीज हो गए। सबसे ज्यादा मरीज निमोनिया व वायरल के थे। पसली चलने से बीमार बच्चों की संख्या अधिक थी। वहीं, जिला अस्पताल में सांस लेने में परेशानी की शिकायत पर बभनपुरवा के रंगीलाल को भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। सांस लेने में परेशानी की शिकायत पर उमरी बेगमगंज की दस साल की नेहा की भी उपचार के दौरान मौत हो गई। इसके अलावा आधा दर्जन अन्य मरीज भर्ती हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. वीसी गुप्ता का कहना है कि भर्ती बच्चों का इलाज किया जा रहा है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. घनश्याम गुप्त का कहना है कि रात में तापमान अधिक गिर जाता है। ऊपर से मच्छरों का प्रकोप है। इसलिए लोग अभी भी पंखा चला कर सो रहे हैं। छोटे बच्चे सोते समय कपड़ा हटा देते हैं। इससे उन्हें ठंड लग जाती है। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, जिससे उनकी पसलियां चलने लगती हैं। ऐसे में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अगर किसी बच्चे को कोई परेशानी है तो, अभिभावक पहले चिकित्सक को दिखाएं। साथ ही बच्चों के खानपान व पहनावे पर ध्यान दें।