निलंबित प्रधान, सचिव व तकनीकी सहायक के खिलाफ गबन का मुकदमा
हाईकोर्ट के आदेश पर इटियाथोक थाने में दर्ज हुई एफआइआर
गोंडा : मनरेगा में कराए गए कार्य के सापेक्ष अधिक भुगतान के मामले में निलंबित प्रधान, सचिव व तकनीकी सहायक के खिलाफ जालसाजी व गबन का मुकदमा दर्ज किया गया है। ये कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश पर हुई है।
मामला इटियाथोक ब्लॉक की ग्राम पंचायत बेलभरिया का है। यहां के निवासी राजनरायन वर्मा ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराते हुए मनरेगा के तहत गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इसपर मामले की जांच परियोजना निदेशक डीआरडीए व उपायुक्त श्रम एवं रोजगार से कराई गई। जांच के दौरान बिसुही नदी पुल के पास तालाब सुंदरीकरण पर 506450 रुपये का भुगतान पाया गया। मूल्यांकन के दौरान इस परियोजना पर 220861 रुपये का भुगतान अधिक मिला। इसमें पौधारोपण कार्य पर भी 12600 रुपये शासकीय धन की क्षति पाई गई। कमेटी की जांच में बच्चालाल तिवारी की बोरिग से जिलेदार तिवारी के कुआं तक मिट्टी व खड़ंजा कार्य में 2.08 लाख रुपये के अधिक भुगतान की बात सामने आई थी। यहां तीन परियोजनाओं पर 4.47 लाख रुपये के घोटाले में प्रधान, सचिव व तकनीकी सहायक दोषी ठहराए गए थे। जिसपर डीएम ने निर्वाचित प्रधान रजकला का वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार सीज करके गांव में त्रिसदस्यीय कमेटी गठित कर दी थी। शिकायतकर्ता ने मामले में एफआइआर दर्ज कराने की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति अनिल कुमार व संगीता चंद्रा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रधान, सचिव व तकनीकी सहायक के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए था। अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र कुमार ने बताया कि मुकदमा दर्ज हो गया है। आरोपितों की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए हैं।