Move to Jagran APP

सियासत में कुम्हला रही खेल की नर्सरी

गोंडा कोच न मैदान दम तोड़ रहे खिलाड़ियों के अरमान जिले में सिर्फ एक स्टेडियम एक का निर्माण अधूरा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 11:53 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 11:53 PM (IST)
सियासत में कुम्हला रही खेल की नर्सरी
सियासत में कुम्हला रही खेल की नर्सरी

गोंडा : खेल के प्रति लोगों में रुचि भी और गांव में खेल प्रतिभाएं भी, लेकिन उन्हें न तो मंच मिल पा रहा है और न ही सुविधाएं। जिस क्षेत्र में स्टेडियम है, वहां कोच नहीं है। स्टेडियम का निर्माण अधूरा है तो कहीं अभी तक स्वीकृति नहीं मिली। सियासी भंवर में फंसी सुविधाएं खिलाड़ियों के अरमान तोड़ रही हैं। गांवों में खेल मैदान विकसित करने की योजना भी धराशाई हो गई। जिले की दो तहसीलों मे खेल के लिए अभी तक स्टेडियम की व्यवस्था नहीं हो सकी है। पेश है वरुण यादव की रिपोर्ट : इनसेट

loksabha election banner

शहर में नहीं बन सका इंडोर स्टेडियम - नवाबगंज के नंदिनीनगर में वर्ष 2018 में पांच करोड़ रुपये की लागत से इंडोर स्टेडियम के निर्माण की स्वीकृति मिली थी। अभी स्टेडियम का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। यहां कुश्ती सहित अन्य खेलों के लिए ट्रेनिग मिलेगी। उधर, जिला मुख्यालय पर शहर में नगर पालिका ने कई वर्ष पूर्व इंडोर स्टेडियम के लिए युवा कल्याण विभाग को जमीन उपलब्ध कराई थी, लेकिन अभी तक न तो अभी तक स्वीकृति मिली और न ही स्टेडियम का निर्माण हुआ। कई खेलों के नहीं हैं कोच

- मंडल मुख्यालय पर शहर के उतरौला रोड स्थित जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम में इस वर्ष सिर्फ हाकी, हैंडबाल व ताइक्वांडो खेल के लिए स्वीकृति मिली है। यहां फुटबाल, कबड्डी, वालीबाल, बास्केटबाल व टेनिस के कोच नहीं है।

------------

बिना कोच कैसे मिले ज्ञान, टूट रहे अरमान - शहर के मेवातियान मुहल्ले की आंचल का कहना है कि उन्हें खो-खो का खेल काफी पसंद है। स्टेडियम में प्रशिक्षक न होने से उन्हें इस खेल के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल पा रही है। आंचल स्कूल में अपने दोस्तों के साथ खो-खो खेलती हैं। आदित्य दुबे हारीपुर स्थित नर्सिंग कालेज में रहकर पढ़ाई करते हैं। उनका सपना फुटबाल खिलाड़ी बनने का है, लेकिन स्टेडियम में प्रशिक्षक न होने से उनकी उम्मीदें टूट रही हैं। बैडमिटन खिलाड़ी अजलान अहमद ने बताया कि बीते कई वर्ष से स्टेडियम का बैडमिटन हाल ना ठीक होने के कारण ना तो वह बैडमिटन खेल पाए और ना ही किसी तरीके की प्रतियोगिताएं आयोजित हो सकी। नगर के अवधेश शुक्ल का कहना है कि अभी कई खेल के कोच नहीं हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.