वर्चुअल प्रचार ने पकड़ा जोर, इंटरनेट मीडिया की रफ्तार पर ब्रेक
गोंडा सर्द मौसम में सियासी पारा तेज होने लगा है।
रमन मिश्र, गोंडा :
सर्द मौसम में सियासी पारा तेज होने लगा है। कोरोना संक्रमण का दायरा भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में प्रचार का नया तरीका अपनाया जा रहा है। राजनैतिक दलों की सभाओं पर रोक के कारण सब कुछ वर्चुअल पर फोकस है। ऐसे में इंटरनेट की सुस्त रफ्तार ने दावेदारों की बेचैनी को बढ़ा दिया है। वजह, वर्चुअल प्रचार के कारण इंटरनेट की डिमांड बढ़ने के कारण नेटवर्क में समस्या पैदा हो गई है। बात करते समय बीच में ही आवाज आनी बंद हो जा रही है। इंटरनेट मीडिया पर आने जाने वाले संदेश भी घूमते रह जाते हैं। इससे लोग अपनी बातों को नहीं पहुंचा पा रहे हैं। विधानसभा चुनाव में वर्चुअल मीटिग पर जोर है। लोगों को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से जोड़ने व रिझाने का काम तेज हो गया है। जो नेता 28 दिन का रिचार्ज कराते थे वह अब तीन माह का रिचार्ज करा रहे हैं। बढ़ती इंटरनेट की डिमांड से नेटवर्किग की रफ्तार घट गई है। इससे नेता व दावेदारों की परेशानी को बढ़ा दिया है। नेटवर्क स्लो होने से लोगों की आवाज बीच में ही कट जाती है। यही नहीं, मैसेज भी बाधित हो जाता है। दावेदार क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए इंटरनेट मीडिया का सहारा ले रहे हैं, लेकिन उनकी उम्मीद परवान नहीं चढ़ पा रही है। राजनैतिक दलों ने की है तैयारी
-भाजपा के आइटी सेल ने पूरी तैयारी कर ली है। सात विधानसभा संयोजक, 33 मंडल संयोजक, 452 शक्तिकेंद्र संयोजक, 2965 बूथ अध्यक्ष बनाएं हैं। साथ ही 2815 वाट्सएप ग्रुप संचालित किया है। मतदाता को अपने पक्ष में करने के लिए इंटरनेट मीडिया का सहारा ले रहे हैं, लेकिन उनके सामने नेटवर्क ने परेशानी खड़ा कर दी है। ऐसे ही सपा, बसपा व अन्य दलों ने भी तैयारी कर रखी है।