एक वर्ष तक के बच्चों को लगेगी रोटा वायरस वैक्सीन
गोंडा : बच्चों में फैलने वाले रोटावायरस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने योजना तैयार की है। नियमि
गोंडा : बच्चों में फैलने वाले रोटावायरस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने योजना तैयार की है। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में रोटावायरस वैक्सीन को शामिल किया गया है। इस वैक्सीन के प्रयोग के संबंध में सोमवार को सीएमओ कार्यालय सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मचारियों को जानकारी दी गई।
कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में रोटावायरस की रोकथाम के लिए वैक्सीन नियमित टीकाकरण में शामिल की गयी है। यह वैक्सीन एक वर्ष तक के बच्चों को दी जाती है जो शत-प्रतिशत सुरक्षित है। राज्य स्तरीय जेएसआई प्रशिक्षक मनीष कुमार ने बताया कि रोटावायरस दस्त के कारण गंभीर अवस्था में बालक को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है तथा बच्चे की जान को भी जोखिम बना रहता है। डब्ल्यूएचओ के डॉ. नीरज ने बताया कि यह ओरल वैक्सीन है। इसे एक वर्ष तक के बच्चों को 06, 10 तथा 14 सप्ताह के अंतर पर तीन बार में दिया जाता है। इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. देवराज, डॉ. देवेंद्र श्रीवास्तव, डीसीपीएम डॉ. आरपी ¨सह, डॉ. विपिन कुमार यती, डॉ. संत प्रताप वर्मा, नीरज नागर, पंकज तिवारी, राजेश ¨सह, अर¨वद
कनौजिया, किरन आदि उपस्थित रहे।
क्या है रोटावायरस
-सीएमओ ने बताया कि रोटावायरस दोहरे स्टैंड वाला आरएनए वायरस है। सूक्ष्मदर्शी से देखने पर वायरस की आकृति एक पहिए की तरह दिखाई देती है, इसलिए इसका नाम रोटा रखा गया है। रोटा वायरस संक्रमण का सबसे सामान्य लक्षण है। पतली दस्त के कारण बुखार, पेट में दर्द, उल्टी भी हो सकती है।