जॉबकार्ड बनवाने के नाम पर वसूली, बिना स्वीकृति के ही प्रवासियों से पटवा दी सड़क
परसपुर के कार्यक्रम अधिकारी से रिपोर्ट मांगी जाएगी। लापरवाही के लिए जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वरुण यादव, गोंडा : लॉकडाउन के चलते घर लौटे प्रवासियों को रोजगार देने के लिए एक तरफ सरकार कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ कुछ लोग उनके मजबूरी का मजाज उड़ा रहे हैं। मनरेगा के तहत जॉबकार्ड बनवाने के नाम पर 100-100 रुपये ले लिए गए। यही नहीं, बिना स्वीकृति के ही प्रवासियों से सड़क भी पटवा दी गई। जब प्रवासियों ने मजदूरी की मांगी तो काम बंद करा दिया गया।
मामला परसपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत नंदौर का है। रोजी-रोटी का संकट होने पर दिल्ली से आए प्रवासियों ने जब पंचायत से संपर्क किया तो उन्हें मनरेगा में काम देने की बात कही गई। संजय व सुरेश ने बताया कि जॉबकार्ड बनवाने के लिए उन्होंने कागज व 100-100 रुपये प्रधान का कामकाज देख रहे सहजराम नामक व्यक्ति को दे दिया था। 18 मई से संपर्क मार्ग पटाई का कार्य शुरू हुआ। एक किलोमीटर से अधिक लंबाई में संपर्क मार्ग की पटाई हो चुकी है। रविवार को सुबह सहजराम आए तो उन लोगों ने मजदूरी की मांग की। संजय के मुताबिक सहजराम ने कहा कि जब जॉबकार्ड नहीं बना है तो मजदूरी कैसी। इसके बाद कार्य बंद करने की बात कहकर चले गए। इस मामले में प्रधान, सचिव व बीडीओ का पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया। लेकिन, बात नहीं हो सकी।
नंदौर गांव में मनरेगा के तहत संपर्क मार्ग पटाई के लिए मस्टरोल जारी नहीं हुआ है। परियोजना की जियो टैगिग कराने के लिए कहा गया है। कार्य होने की जानकारी नहीं है।
-हिमांशु पाठक, एपीओ नंदौर गांव में मनरेगा के तहत मैने तीन स्टीमेट एक सप्ताह पूर्व ऑनलाइन बनाए थे। ये स्टीमेट कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा की लॉगिन पर स्वीकृति के लिए लंबित है। कार्य होने की जानकारी नहीं है।
-एसके सिंह, तकनीकी सहायक मनरेगा में बिना स्वीकृति के कार्य कराना गलत है। परसपुर के कार्यक्रम अधिकारी से रिपोर्ट मांगी जाएगी। लापरवाही के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-हरिश्चंद्र राम प्रजापति, उपायुक्त श्रम एवं रोजगार