स्वास्थ्य उपकेंद्र में सुविधाओं का अभाव, नहीं बैठतीं एएनएम
गोंडा ग्रामीण क्षेत्र में जचा-बचा को हो रहीं दिक्कतें।
संसू, हलधरमऊ (गोंडा) : ग्रामीण क्षेत्रों में उप स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं बदतर हो गई हैं। सुविधाएं न होने के कारण वह स्वयं बीमार है। कहीं खिड़की-दरवाजा तो कहीं बिजली पानी नहीं है। एएनएम भी वहां बैठने की जहमत नहीं उठातीं। गांवों में इन केंद्रों का अहम रोल होता है। यहीं से जच्चा बच्चा के स्वास्थ्य की देखभाल सहित कई स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां व टीकाकरण होता है, लेकिन जब यह हमेशा बंद ही रहता है तो ऐसे में सेवाएं कहां से मिलें।
कैथौला उप स्वास्थ्य केंद्र में खिड़की दरवाजे तक नहीं हैं। गेट आधा गायब हो गया है। अंदर स्टाफ व दवाओं की जगह पर बेसहारा पशु और जंगली जानवरों का अड्डा है। फर्श, प्लास्टर टूट गया है। पानी व बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है। ग्रामीण अविनाश सिंह व संतोष सिंह सहित कई लोगों का कहना है कि यहां एएनएम भी कभी नहीं आती हैं। छिटनापुर उप केंद्र के अंदर दीवारों के प्लास्टर टूटे हैं। बिजली व पानी नहीं है। साफ-सफाई व रंग रोगन कुछ भी नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार यह भी कभी नहीं खुलता है। मैजापुर उप स्वास्थ्य केंद्र गांव के बाहर बना है। आसपास लोगों के अनुसार यह हमेशा बंद ही रहता है। अंदर व परिसर में जंगली घास उगी हुई है। कीड़े मकोड़े घूमते रहते हैं। बिजली पानी की कोई व्यवस्था नहीं है।
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महिला ने एंबुलेंस में दिया नवजात को जन्म
संसू, गोंडा : झंझरी के ग्राम परसाहब गांव निवासी आशा देवी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इस पर घरवालों ने एंबुलेंस बुलाया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। एंबुलेंस के जिला प्रभारी प्रतीक यादव ने बताया कि इस पर इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन मनीष कुमार व पायलट शिवबहादुर ने एंबुलेंस को सड़क किनारे खड़ा कर दिया और आशा बहु एवं घर की महिलाओं के सहयोग से प्रसूता का सुरक्षित प्रसव करवाया। बाद में महिला व नवजात को काजीदेवार सीएचसी में भर्ती करवाया। चिकित्सक ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।