स्टोर की ना ने बढ़ाया टीबी मरीजों का दर्द, बुखार-खांसी तक की दवा नहीं
जिला अस्पताल परिसर में स्थित टीबी क्लीनिक इन दिनों
गोंडा: जिला अस्पताल परिसर में स्थित टीबी क्लीनिक इन दिनों मरीजों का दर्द बढ़ा रहा है। यहां पर टीबी की दवाएं तो मरीजों को मिल जा रही है लेकिन, उसके साथ बुखार, खांसी, सर्दी जुकाम व विटामिन की दवाएं नहीं मिल पा रही है। ऐसे में मरीजों को मुश्किल हो रही है। विभागीय अधिकारी सिर्फ पत्राचार करके रस्म अदायगी कर रहे हैं।
टीबी क्लीनिक में मरीजों को दवाओं की आपूर्ति अभी तक सीएमओ के अधीन ड्रग स्टोर से होती थी लेकिन, इस बार जब दवाओं की आपूर्ति के लिए डिमांड भेजा गया तो बखेड़ा हो गया। स्टोर ने दवाओं की आपूर्ति से हाथ खड़े कर दिए। ड्रग स्टोर के प्रभारी ने सलाह दी कि यूपी मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन लिमिटेड को ऑनलाइन डिमांड करके दवाएं प्राप्त करें। ऐसे में टीबी क्लीनिक के सामने अब बजट ने समस्या पैदा कर दी। फिलहाल, उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके उपाध्याय का कहना है कि संयुक्त निदेशक क्षय रोग विभाग को पत्र लिखा जा रहा है। इनसेट
इन दवाओं की हुई थी डिमांड
- टैबलेट पैरासिटामॉल, सलबूटामॉल, सिट्रीजिन, ब्रोमोहैक्जीन, मल्टीविटामिन, कैल्शियम, फ्लूकोनाजॉल, एंटी फंगल पाउडर, कप सिरप, ओफ्लाक्सासिन, लिव 52, रैनीटीरिन, एंटासिड, मेट्रोजिल, ट्रामाडाल, ओमीप्राजाल, एमाक्सीक्लेव शामिल है। इन दवाओं के न होने से मरीजों को दिक्कत होती है।
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मरीजों का दर्द
- कर्नलगंज के राम कुमार का कहना था कि वह लंबे समय से इलाज करा रहा है, उसे टीबी की दवा तो मिल गई है लेकिन, बुखार की नहीं मिल पाई है। यही दर्द प्रशांत व रोहन का भी था। इनसेट
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मलिक आलमगीर का कहना है कि प्रकरण संज्ञान में है। इस पर कार्रवाई की जा रही है। मरीजों को दवाओं की समस्या न हो, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।