टाप-पुलिसिग के अभिनव प्रयोग ने जगाई पुख्ता सुरक्षा की भावना
हाईटेक पुलिसिग के लिए इंटरनेट मीडिया का सहारा क्रिमिनल मानीटर्स पस्त कर रहे अपराधियों के हौसले।
श्लोक मिश्र, बलरामपुर :
जिले की सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए पुलिस प्रशासन नित नवीन प्रयोग कर रहा है। ग्राम प्रहरियों की सक्रियता बढ़ाने के साथ ही बीट पुलिस अधिकारी नियुक्त किए गए। सभी 13 थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। गैंड़ासबुजुर्ग में नया थाना निर्माणाधीन है। मथुरा, चकवा, बहादुरपुर पुलिस चौकियां स्थापित की गईं। साइबर अपराधों पर लगाम के लिए साइबर सेल सक्रिय है। अपराध व अपराधियों पर नियंत्रण के लिए सभी थानों में क्रिमिनल मानीटर्स टीम का गठन किया गया है। इससे न सिर्फ दिनोंदिन बढ़ते अपराध पर नकेल कसी है, बल्कि जनता में भी खाकी का इकबाल बुलंद हो रहा है। इसके साथ ही भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी के साथ पुलिस के जवान मुस्तैद हैं। क्रिमिनल मानीटर्स कस रहे अपराध पर नकेल :
-जिले की पुलिसिग को प्रभावी बनाने के लिए नवीन बीट प्रणाली का प्रयोग किया गया है। इसके तहत सभी 13 थानों के अंतर्गत 137 बीट में दो-दो आरक्षियों को क्रिमिनल मानीटर्स टीम में शामिल किया गया है। इस के तरह 274 सिपाहियों को बाइक के साथ पिस्टल की सुविधा दी गई है। इनकी बाइक पर जलने वाली लाल-नीली बत्ती व हूटर अपनी मौजूदगी का अहसास कराकर अपराधियों के हौसले पस्त करती है।
हाईटेक हुई पुलिसिग :
-बढ़ते अपराध को रोकने के लिए पुलिस ने इंटरनेट मीडिया का सहारा लिया है। प्रत्येक पुलिसकर्मी के लिए बीट प्लान तैयार कर अपने क्षेत्र के 250 संभ्रांत लोगों का ग्रुप बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें वह नियमित संवाद करते हुए छोटे-बड़े मामलों पर नजर रख रहे हैं। साथ ही क्षेत्र के आपराधिक प्रवृत्ति वालों का पूरा ब्योरा रखने के साथ प्रतिदिन की घटनाओं का पूरा विवरण बीट बुक में नोट किया जाता है। प्रत्येक बीट पुलिस आफिसर को रिवाल्वर व बाडी वार्म कैमरे से लैस किया गया है। बीपीओ के पास क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर अपराधियों के रिकार्ड, कोर्ट समन, वारंट, एनसीआर के मुकदमे, थाने से आए शिकायती पत्र, पासपोर्ट चरित्र सत्यापन की जांच संबंध प्रपत्र होते हैं। महिला सिपाहियों को मिली तरजीह :
-जिले के विभिन्न थानों में तैनात महिला सिपाहियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए उन्हें बीट व पैरोकार की जिम्मेदारी दी गई है। इससे वह भी पुरुष आरक्षियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। इससे न केवल नारी सशक्तीकरण को बल मिला है, बल्कि महिला अपराधों को कम करने में भी मददगार साबित हो रहा है। महिला आरक्षी के बीट में तैनात होने से विभिन्न मामलों की पीड़िताएं अपनी बात उनसे साझा कर पाती हैं।
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अब होंगी 72 पुलिस चौकियां :
-एसपी हेमंत कुटियाल का कहना है कि जिले के 13 थानों में 23 पुलिस चौकियां व 49 हल्के हैं। पुलिस के प्रभाव को बढ़ाने के लिए अब सभी हल्कों में पुलिस चौकी स्थापित की जाएगी। इस तरह जिले में 72 पुलिस चौकियां हो जाएंगी। गैंड़ासबुजुर्ग पुलिस चौकी को उच्चीकृत करने का कार्य चल रहा है। श्रीदत्तगंज पुलिस चौकी के उच्चीकरण के लिए भी प्रयास जारी है।