परलोक से आकर की मारपीट, CO काेे बयान भी दिया; ऐसेे खुला राज
वर्ष 2007 में मरे व्यक्ति के खिलाफ 2017 में दर्ज हुआ मुकदमा। सीओ ने जांच कर मृतक के खिलाफ लगाई चार्ज शीट दो जुलाई को होगी सुनवाई।
गोंडा, (नंदलाल तिवारी)। पुलिस कुछ भी कर सकती है, आए दिन यह सुनने को मिलता है लेकिन, एक घटना ने इसे सच साबित कर दिया है। मनकापुर के झिलाही गांव के शिवम सिंंह की मृत्यु वर्ष 2007 में तालाब में डूबने से हो गई थी। बावजूद इसके वर्ष 2017 में उसके खिलाफ मारने पीटने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया। मामले की जांच सीओ ने की।
तत्कालीन सीओ वर्तमान में बहराइच जिले के महसी में तैनात ने आरोपित का बयान भी चार्जशीट में दर्ज कर लिया है। न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल होने के बाद इलाके की पुलिस जब नोटिस लेकर आरोपित के घर पहुंची तो पता चला कि जिसके खिलाफ मुकदमा है, उसकी तो मौत हो चुकी है। इसके बाद अब न्यायालय ने वादी मुकदमा को तलब किया है। दो जुलाई को मामले की सुनवाई है।
क्या है मामला
मनकापुर कोतवाली के झिलाही गांव के दीनानाथ ने शिवम सिंंह पुत्र सुरेंद्र सिंंह पर मारने पीटने व जाति सूचक गालियां देने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना तत्कालीन सीओ मनकापुर शंकर प्रसाद को सौंपी गई। हैरत की बात है कि सीओ ने जांच के दौरान आरोपित (मृतक) का भी बयान दर्ज कर लिया। 31 जनवरी 2018 को मामले में आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया।
कैसे हुआ राजफाश
चार्जशीट के बाद एससीएसटी के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र पांडेय ने संबंधित आरोपित को समन जारी किया, जिसको लेकर पुलिस जब शिवम सिंंह के घर पहुंची तो स्थिति साफ हो गई। प्रधान संतराम ने आरोपित की पुष्टि करते हुए पुलिस को प्रमाणपत्र भी दिया है। इसके बाद अब वादी मुकदमा को तलब किया गया है।
इनकी सुनिए
- बहराइच जिले के महसी में तैनात सीओ व मामले के विवेचना अधिकारी शंकर प्रसाद का कहना है कि नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। वादी मुकदमा ने आरेापित की पहचान की थी, जिसके आधार पर चार्जशीट दाखिल की गई थी।
- जिला शासकीय अधिवक्ता बसंत शुक्ला का कहना है कि अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो संबंधित में पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है।
- देवीपाटन परिक्षेत्र के डीआइजी डॉ. राकेश सिंंह का कहना है कि अभी तक हमारे संज्ञान में यह प्रकरण नहीं आया है। अगर ऐसा है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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