पांच साल में हुई हत्याओं की खंगाली जा रही फाइलें
पुलिस ने बढ़ाई निगरानी जुटाई जा रही जानकारी थाना प्रभारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी बनाया गया प्लान
गोंडा: कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पुलिस अब पुराने मामलों की पड़ताल कर रही है। गत पांच साल के भीतर हुईं हत्याओं की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। यह देखा जा रहा है कि हत्या की वजह क्या थी, कौन-कौन लोग उसमें शामिल है। किस तरह का विवाद था। वर्तमान में उसकी स्थिति क्या है। हत्या की वारदात में शामिल लोगों पर क्या कार्रवाई की गई। इन तमाम बिदुओं पर अधिकारी फाइलें खंगालने में लगे हुए हैं।
पुलिस ने हत्या, बलवा, जानलेवा हमले की वारदातों पर रोक के लिए योजना बनाई है। इसके तहत पांच साल की अवधि में हत्या व गंभीर बलवा के प्रकरण, एक साल में पंजीकृत किए गए ऐसे मामले, जिसमें पीड़ित को चोट पहुंची हो। इन मामलों की फाइल दोबारा से खोल दी गई है। इसके अतिरिक्त वरिष्ठ अधिकारियों व थाना स्तर पर मिलने वाले विवाद संबंधी मामले, स्थानीय अभिसूचना के आधार पर जानकारी में आने वाले मामले खोजे जाएंगे। यही नहीं, पुलिस अब ग्राम प्रधान, ग्राम चौकीदार, डिजिटल वालंटियर ग्रुप के माध्यम से जानकारी जुटाएगी।
इस तरह की होगी व्यवस्था
- बीट सिपाही प्रतिदिन अपने मुहल्ले का भ्रमण करके विवाद/ तनाव संबंधी जानकारी जुटाएंगे।
- गांव के संभ्रांत व्यक्तियों व ग्राम चौकीदार से नियमित तौर से संपर्क में रहेंगे।
- ग्राम स्तर पर नियुक्त राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायत व अन्य सरकारी कर्मचारियों से जानकारी की जाएगी।
- अगर कहीं पर विवाद की बात सामने आती है तो अधिकारी तत्काल उस पर प्रभावी कार्रवाई करेंगे।
जिम्मेदार के बोल
- कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है। इससे आपराधिक घटनाओं का पूरा लेखा जोखा एकत्र हो जाएगा। इसके आधार पर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. राकेश सिंह, डीआइजी देवीपाटन मंडल