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तटबंध की मरम्मत को लेकर उठे सवाल

भिखारीपुर सकरौर बांध की सुरक्षा के लिए ड्रेजिग द्वारा चैनेलाइजेशन कार्य कराने के लिए शासन द्वारा 4 करोड़ 92 लाख रुपये स्वीकृत किए गए

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 10:37 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 10:37 PM (IST)
तटबंध की मरम्मत को लेकर उठे सवाल

गोंडा : भिखारीपुर-सकरौर तटबंध को बचाने के लिए सिचाई विभाग का एक और खेल सामने आया है। जिसमें आधे अधूरे काम को 70 फीसद पूरा दिखाया जा रहा है।

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घाघरा नदी पर स्थित भिखारीपुर सकरौर बांध की सुरक्षा के लिए ड्रेजिग द्वारा चैनेलाइजेशन कार्य कराने के लिए शासन द्वारा 4 करोड़ 92 लाख रुपये स्वीकृत किए गए। यह कार्य बैराज यांत्रिक अनुरक्षण खंड कानपुर को सौंपा गया था लेकिन, यहां मौके पर ना तो कोई ड्रेजिग कार्य कराया गया और ना ही नदी की सिल्ट निकाली गई। इसके बावजूद कागजों में 70 फीसद काम पूरा दिखाया जा रहा है। अब सवाल यह है कि यदि नदी की सिल्ट हटाई गई तो वो कहां है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि हमने कोई ड्रेजिग मशीन नहीं देखी और ना ही यहां कोई कार्य कराया गया है। ऐसे में कागजों में 70 फीसद कार्य दिखाना किसी को हजम नहीं हो रहा है। ग्रामीणों ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। फिलहाल इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चे हो रहे हैं। बाढ़ कार्यखंड के सहायक अभियंता अरविद मिश्र का कहना है कि प्रोजेक्ट बनाने के दौरान गलती से भिखारीपुर सकरौर बांध लिख गया था। जबकि ड्रेजिग कार्य एल्गिन चरसड़ी के पास होना था जो बांसगांव के पास करवाया गया है और मैपिग वहीं की लगाई गई थी। ऐलीपरसौली में भी ड्रेजिग कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है।


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