इमरजेंसी हो तो रात में न आएं वजीरगंज अस्पताल, हो जाएंगे कंगाल
गोंडा रात होते ही इमरजेंसी में लटक जाता है ताला प्रसव कराने के नाम पर होती है धन उगाही।
संसू, बालेश्वरगंज (गोंडा) : स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए भले ही सरकार प्रयासरत हो लेकिन, कर्मियों की मनमानी भारी पड़ी रही है। गोंडा-अयोध्या हाईवे के बगल वजीरगंज कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रात होते ही इमरजेंसी में ताला लग जाता है। इस दौरान कोई मरीज आ जाए तो उसका भगवान ही मालिक है। मंगलवार की रात करीब 11 बजे ऐसा ही ²श्य देखने को मिला। अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में ताला लटक रहा था। यहां डाक्टर व कर्मी नहीं मिले। प्रसव कक्ष के सामने प्रदीप कुमार चौहान निवासी ढोढियापारा बैठे थे। पूछने पर कहा कि पत्नी का प्रसव कराने आया है। कुछ ही देर में उसकी पत्नी रेनू देवी ने बेटी को जन्म दिया। एएनएम गीता ने आधार कार्ड मांगा, इस पर उसने कहा कि उसे जानकारी नहीं थी। रात में उसने घर से आधार मंगवाया। वहीं, बगल में बैठी रोमन मौर्या निवासी जमादार पुरवा ने कहा कि उसकी बहू ज्योति को पहला प्रसव हुआ है। उससे खुशराना के नाम पर 14 सौ रुपये वसूल लिए गए। यही नहीं, उसे बाहरी दवा का पर्चा थमा दिया गया। नौ सौ रुपये में बाहर मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर लानी पड़ी।
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दुर्घटना बाहुल्य है कस्बा
- गोंडा-अयोध्या हाईवे स्थित कस्बा दुर्घटना बाहुल्य है। थाने से अस्पताल की दूरी चार सौ मीटर है। यहां दिन में घायल हुए लोगों का प्राथमिक इलाज तो हो जाता है लेकिन, रात में आने वाले ऐसे लोगों को जिला अस्पताल में ही इलाज हो पाता है। हर दिन की है परेशानी
- रात के समय एएनएम और नर्सो के भरोसे मरीजों का इलाज होता है। हर दिन डाक्टर रात होते ही अपने घर चले जाते हैं। इलाज या प्रसव के लिए मरीज इंतजार करते रहते हैं या फिर हारकर निजी अस्पताल में इलाज कराने की मजबूरी रहती है। -अस्पताल में 24 घंटे आपातकालीन कक्ष खुला रहता है। यदि ड्यूटी पर तैनात कर्मी मौजूद नहीं थे तो यह गलत है। संबंधित से स्पष्टीकरण लेकर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
- डा.आशुतोष शुक्ल, प्रभारी चिकित्साधीक्षक वजीरगंज