अनुसूचित प्रत्याशी पर दांव लगा सकती है भाजपा
-हार के बाद अब जिपं अध्यक्ष कुर्सी की दौड़ शुरू निर्दल व सपा में भी मंथन का सिलसिला हुआ तेज
-हार के बाद अब जिपं अध्यक्ष कुर्सी की दौड़ शुरू, निर्दल व सपा में भी मंथन का सिलसिला हुआ तेज
धनंजय तिवारी, गोंडा : जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए भले ही अभी तिथि न घोषित हुई हो लेकिन, जिताऊ प्रत्याशी के चयन को लेकर कवायद तेज हो गई है। हालांकि भाजपा, सपा सहित अन्य किसी दल को अध्यक्ष पद की जीत के लिए दूसरे का सहारा ही लेना पड़ेगा। ऐसे में भाजपा अनुसूचित जाति प्रत्याशी को मैदान में उतारकर निर्दल व पार्टी समर्थित जिपं सदस्यों को अपने पाले में लाने का प्रयास कर सकती है।
जिले में कुल 65 जिला पंचायत सदस्य की सीटें हैं। ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत के लिए कम से कम 33 जिला पंचायत सदस्य का समर्थन होना जरूरी है। 65 में से भाजपा के खाते में 17 सदस्य ही हैं। सपा 21 सदस्यों को अपना बता रही है। बसपा के केवल तीन हैं। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के एक जिपं सदस्य हैं। कांग्रेस का खाता नहीं खुला। ऐसे में 23 निर्दलियों के हाथ जीत की चाभी है। सूत्र की मानें तो भाजपा एक ऐसे अनुसूचित जाति के प्रत्याशी को मैदान में उतार सकती है जिसे निर्दल व भाजपा के बागी का भी समर्थन मिल सके। वैसे तो भाजपा से निष्कासित एक जिला पंचायत सदस्य को लेकर चर्चाएं तेज हैं लेकिन, इस नाम को लेकर पार्टी में ही कई सवाल उठ रहे हैं। कोई किसी का खास बता रहा है तो कोई पार्टी नीति के विरोध में चुनाव लड़ने की बात कह रहा है। वहीं समाजवादी पार्टी ने भी चुनाव को लेकर मंथन तेज कर दिया है। हालांकि इस बार समाजवादी पार्टी के सामने कोई ऐसा चेहरा नहीं है जिसे मैदान में लाया जाए और सभी का समर्थन मिल जाए। चर्चा तो यह भी है कि यदि भाजपा में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों को लेकर आम सहमति नहीं बनी तो निर्दल और सपा खेमा मजबूत हो सकता है। बस अब सबकी नजर इस पर टिकी है कि सियासत के बलवान निर्दल उम्मीदवार पर दिल लगाते हैं या फिर पार्टी का भी हो और उनका भी उस पर दांव आजमाते हैं। यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन, चहुंओर कौन बनेगा अध्यक्ष इसको लेकर चर्चाएं तेज हैं।