हल्की बारिश में ही बहने लगा नवनिर्मित रिग बांध
नदी में समाए 65 घर आठ लोगों को दिया गया मुआवजा
गोंडा : ऐली परसौली में भिखारीपुर-सकरौर तटबंध टूटने के बाद गांव को बाढ़ से बचाने के लिए बनाया गया रिग बांध मामूली बरसात भी नहीं झेल पाया। जिससे नए रिग बांध की मजबूती को लेकर सवाल उठने लगे हैं। वहीं घाघरा की कटान में ऐलीपरसौली के अब तक 65 लोगों के आशियाने नदी में समा चुके हैं।
रविवार को दोपहर हुई बारिश के कारण गांव को बचाने के लिए बनाए गए रिग बांध की मिट्टी कटकर बह गई। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाढ़ आने पर यह बांध कितना टिकाऊ साबित होगा। ग्रामीणों ने पहले ही इस रिग बांध पर सवालिया निशान लगाते हुए इसकी चौड़ाई और ऊंचाई बढ़ाने की मांग की थी लेकिन, विभागीय अधिकारी इसी ऊंचाई को पर्याप्त बता रहे हैं। इन परिवारों के पास घर बनाने के लिए ना तो कोई जमीन है और ना ही रहने का कोई ठिकाना। राहत के रूप में प्रशासन की तरफ से पॉलीथिन और किट प्रदान की जा रही है। वहीं विशुनपुरवा के शिव कुमार ने बताया कि उनका पांच पेड़ विभागीय अधिकारी कटवा कर ले गए थे और पैसा देने की बात कही थी लेकिन अब वह टालमटोल कर रहे हैं।
एसडीएम राजेश कुमार ने बताया कि कटान पीड़ितों को सहायता पहुंचाई जा रही है। फसल का मुआवजा किसानों को मिल गया है। बाढ़ कार्य खंड के अमीन अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 8 लोगों को मुआवजे के रूप में दो लाख 59 हजार 500 दिए गए हैं। दिलाएंगे आवास
सभी 65 कटान पीड़ितों को प्रधानमंत्री आवास दिलाने के लिए प्रस्ताव भेजा जा रहा है। प्राथमिकता के तौर पर इन लोगों को आवास दिलाने की कोशिश की जाएगी।
अनीता देवी, ग्राम प्रधान ऐलीपरसौली