बाढ़ पीड़ितों की झोपड़ी से गुम हो गई रोशनी
केरोसिन का वितरण बंद प्रभावित इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित
गोंडा : ब्यौंदामाझा गांव में रहने वाले महादेव के मोबाइल की बैट्री तीन दिन से डिस्चार्ज है। उनका कहना है कि मोबाइल बंद होने के कारण अपनों से संपर्क टूट गया है। एक सप्ताह से बिजली आपूर्ति बाधित है। वहीं, हरमाह मिलने वाले केरोसिन का वितरण भी बंद हो गया। ऐसे में रात अंधेरे में गुजारनी पड़ रही है। पूर्व प्रधान केशवराम यादव का कहना है कि गांव के चारों तरफ पानी भरा होने के कारण जहरीले जंतुओं के आने का खतरा बना रहता है, ऐसे में सरसों के तेल से दीया जलाकर रखवाली करनी पड़ रही है। कुछ ऐसा ही हाल नवाबगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत साकीपुर व दत्तनगर का भी है। ये तो सिर्फ बानगी है। एक तरफ हर घर में बिजली कनेक्शन की उपलब्धता का दावा करते हुए केरोसिन का वितरण बंद कर दिया गया। दूसरी ओर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में दुर्घटना की आशंका जताते हुए बिजली विभाग ने आपूर्ति बाधित कर दी। ऐसे में बाढ़ पीड़ितों की झोपड़ी से रोशनी दूर हो गई। ये दुश्वारी किसी एक गांव में नहीं, बल्कि कर्नलगंज व तरबगंज तहसील के आठ गांवों की है। यहां रहने वाली करीब 20 हजार आबादी को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बाढ़ की स्थिति पर एक नजर
02 तहसीलों के गांवों में भरा बाढ़ का पानी
08 गांव बाढ़ से प्रभावित
20 मजरों में आवागमन प्रभावित
2500 लोग बाढ़ से प्रभावित
290 हेक्टेयर क्षेत्रफल में भरा पानी
170 नावें आवागमन के लगाई गईं
530 व्यक्ति बाढ़ से हुए विस्थापित
40 लाख रुपये फसल नुकसान का अनुमान
नदियों का जलस्तर लगातार घट रहा है। हालांकि, अभी दोनों नदियों के खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों में प्रकाश व्यवस्था की दिक्कत के बारे में जानकारी की जा रही है। जल्द ही समस्या का समाधान कराया जाएगा।
-राकेश ¨सह, प्रभारी अधिकारी आपदा/एडीएम