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मानवाधिकार से निरंकुशता पर लगती लगाम

गोंडा:'अपराध नियंत्रण एवं मानवाधिकार संरक्षण परस्पर विरोधाभाषी हैं' विषय पर आयोजित वाद वि

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 12:10 AM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 12:10 AM (IST)
मानवाधिकार से निरंकुशता पर लगती लगाम
मानवाधिकार से निरंकुशता पर लगती लगाम

गोंडा:'अपराध नियंत्रण एवं मानवाधिकार संरक्षण परस्पर विरोधाभाषी हैं' विषय पर आयोजित वाद विवाद प्रतियोगिता में जिले के विभिन्न थानों में तैनात उपनिरीक्षक व आरक्षियों ने प्रतिभाग किया। पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रतियोगिता के विषय के पक्ष में महिला थाना की हिमांशी मिश्रा ने कहा कि भय बिन होय न प्रीति। मानवाधिकार की आड़ में कभी कभी बड़े अपराधी बच निकलते हैं। मानवाधिकार के कारण सुरक्षा कर्मियों के हाथ बंध जाते हैं जिसका नाजायज लाभ अपराधी प्रवृति के लोग उठाते हैं जिससे अपराध और अपराधियों को बढ़ावा मिलता है। वहीं उप निरीक्षक मनोज कुमार ¨सह ने विपक्ष में बोलते हुए कहा कि अपराध नियंत्रण और मानवाधिकार एक दूसरे के पूरक हैं। मानवाधिकार से निरंकुशता पर लगाम लगती है। ऐसे में अपराध नियंत्रण में मानवाधिकार की भूमिका अहम होती है। प्रतियोगिता में 16 पुलिस कर्मियों ने प्रतिभाग किया जिसमें सबसे अधिक अंक प्राप्त कर हिमांशी व मनोज प्रथम स्थान पर रहे। विजेताओं को नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। निर्णायक मंडल में एडीजे ( अपर जिला जज) राकेश कुमार यादव, अपर पुलिस अधीक्षक हृदेश कुमार शामिल रहे। महिला थाना की हिमांशी प्रतियोगिता में शैलेंद्र कुमार राय, मनीष मिश्र, उपनिरीक्षक प्रशांत कुमार, वसी अहमद, चंद्रसेन वर्मा, सुनील कुमार, देवेंद्र प्रसाद तिवारी, ममता साहनी, राकेश, शिव लखन, उदय भान मिश्र, अमरेश कनौजिया, रामेश्वर यादव, सुशील कुमार, मनोज कुमार ने भी अपने पक्ष रखे।

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