हाकिम न मातहत, चपरासी के हवाले दफ्तर
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गोंडा : 16 फरवरी से यूपी बोर्ड परीक्षा है। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 122 विद्यालयों की सूची जारी कर दी है, जहां पर परीक्षाएं कराई जाएंगी। शासन स्तर पर माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए कई तरह के आदेश दिए गए हैं। परीक्षा को लेकर बेहतर प्रबंध करने को कहा गया है। लेकिन, यहां अधिकारी व कर्मचारी कार्यालय में ही नहीं बैठ रहे हैं।
सोमवार की सुबह 11 बजे डीआइओएस कार्यालय पर सन्नाटा पसरा हुआ था। अधिकतर लिपिक मौजूद नहीं थे। डीआइओएस का कक्ष भी बंद था। जबकि परिसर में शिक्षक धरना प्रदर्शन कर रहे थे। चपरासी मौजूद मिले।
कमरों में बंद था ताला
- डीआइओएस कार्यालय में लिपिकों को अलग-अलग कमरे आवंटित किए गए हैं, जहां वे बैठकर अपने पटल से संबंधित कार्य निपटाते हैं। सोमवार को कार्यालय के नीचे के हिस्से में बने दस कमरों में तीन खुले थे, जिसमें एक कमरे में दो लिपिक बैठे थे। अन्य सात कमरों में ताला बंद था। इसमें डीआइओएस का भी कक्ष शामिल था। पहली मंजिल पर एक कमरे में लिपिक उपस्थित थे, बाकी में कोई मौजूद नहीं था।
शिक्षकों की नहीं सुनते अफसर
- परिसर में माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक एकत्र थे, जिनकी कुछ मांगे थीं। कार्यालय में सुनने वाला कोई नहीं था। परीक्षा की तैयारियों के समय इस तरह से अधिकारियों का कार्यालय में न बैठना रास नहीं आ रहा है। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वे ऑफिस से लेकर बाहर होटल तक लिपिकों को खोजने को मजबूर हैं।
निरीक्षण करने निकला था
- जिला विद्यालय निरीक्षक अनूप कुमार ने बताया कि वे स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए निकले थे। कार्यालय में लिपिक क्यों नहीं आए ? इसको लेकर जवाब-तलब कर रहे हैं। जिम्मेदारी तय की जाएगी।