पहले घटना को खुद देते हैं अंजाम फिर विरोधियों पर कराते हैं मुकदमा
पुलिस विवेचना में सामने आया सच वादी ही भेजे गए जेल
-पुलिस विवेचना में सामने आया सच, वादी ही भेजे गए जेल
-आठ से अधिक ऐसे ही मामलों का पुलिस ने किया राजफाश
धनंजय तिवारी, गोंडा : आइए ऐसे लोगों से रूबरू कराते हैं जो कानून का मखौल उड़ा रहे हैं। ये विरोधियों को सबक सिखाने के लिए कानून का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं। यही नहीं, झूठी रिपोर्ट कर पुलिस को भी छका रहे हैं। पिछले पांच माह के आंकड़े पर गौर करें तो आठ से अधिक ऐसे मामलों का पुलिस ने राजफाश किया है, जिनमें मुकदमा कराने वाला ही आरोपित ठहरा है। कोई अपनी इज्जत बचाने के लिए बेटी की हत्या करके विरोधियों पर मुकदमा कराता है तो कोई अपनी बेटी के अपहरण की साजिश रचता है। यही नहीं, एक युवती ने तो खुद के अपहरण का स्वांग रचकर झूठी रिपोर्ट करा दी। हालांकि, पुलिस विवेचना में सब दूध का दूध व पानी का पानी सामने आ गया है।
पखवारा भर पहले वजीरगंज थाने के एक गांव निवासी छात्रा के अपहरण का मामला सामने आया। छात्रा की तहरीर पर अपहरण का मुकदमा हुआ। आरोप था कि वह कॉलेज जा रही थी। इसी बीच बोलेरो से आए कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर लिया। नशीला पदार्थ सुंघाकर बेहोश कर दिया। पुलिस की जांच में पाया गया कि छात्रा ने विरोधियों को फंसाने के लिए यह साजिश रची थी। दो दिन पहले कर्नलगंज कोतवाली के एक गांव में भी ऐसा ही मामला सामने आया। इसमें पिता ने लोकलाज बचाने के लिए अपनी बेटी की हत्या कर दी थी। इसमें गांव के ही लोगों पर मुकदमा कराया था। दो माह पहले कटरा बाजार में दो सगी बहनों के अपहरण का मामला दर्ज हुआ। पुलिस जांच में पाया गया कि बेटियों की मां ने ही विरोधियों को फंसाने के लिए यह साजिश रची थी। अक्टूबर में तरबगंज में भी पुलिस ने एक ऐसी ही घटना का राजफाश किया था। इसमें पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी थी। पत्नी ने विरोधियों को फंसाने के लिए मुकदमा किया था। इटियाथोक व छपिया थाने में भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। एसपी शैलेश कुमार पांडेय का कहना है कि कई घटनाओं में वादी खुद साजिशकर्ता ठहरे। ऐसे आरोपितों को जेल भेजा जा चुका है। विरोधियों को फंसाने व अपने मान सम्मान को बचाने के लिए कई आपराधिक किस्म के लोग इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे हैं।