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गांव-गांव घूम रहे गुरुजन, असाक्षरों की कर रहे तलाश

साक्षरता दर बढ़ाने को कवायद शुरू कर दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 11:09 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 11:09 PM (IST)
गांव-गांव घूम रहे गुरुजन, असाक्षरों की कर रहे तलाश
गांव-गांव घूम रहे गुरुजन, असाक्षरों की कर रहे तलाश

संवादसूत्र, गोंडा : साक्षरता दर बढ़ाने को कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए पढ़ना-लिखना अभियान चलाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के असाक्षर व्यक्तियों को साक्षर किया जाएगा। ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर क्लास चलेगी। प्रशिक्षु लोगों को अक्षर ज्ञान कराएंगे। जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण योजना का क्रियान्वयन करेगा। इसमें डीएम के साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारी रहेंगे। 15 वर्ष से अधिक आयु के लोग साक्षर किए जाएंगे।

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छह से 14 वर्ष के बच्चों को शारदा अभियान के तहत शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा गया है। अब 15 वर्ष अधिक आयु के आठ हजार 924 असाक्षर को अक्षर ज्ञान कराने की योजना है। इसमें अनुसूचित जाति के तीन हजार 570, अनुसूचित जनजाति के 892, अल्पसंख्यक वर्ग के एक हजार 785 व अन्य वर्ग के दो हजार 677 असाक्षर शामिल किया गया हैं। इन्हें जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षु पढ़ाएंगे। निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए जरूरी निर्देश दिया गया है। इस कार्यक्रम में 75 फीसद महिला व 25 फीसद पुरुषों को साक्षर करने किया जाएगा। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने चिन्हांकन शुरू कर दिया है। झंझरी के कंपोजिट विद्यालय पूरे उदई की प्रधानाध्यापक गीता त्रिपाठी, शिक्षक वंदना शुक्ला, निवेदिता द्विवेदी, प्रतिभा सिंह, दर्शिका द्विवेदी, लक्ष्मी तथा शिक्षामित्र बबिता श्रीवास्तव व नीलम पांडेय ने गांव में जाकर सर्वे किया। साक्षरता से संबंधित जानकारी हासिल की। इसी तरह से अन्य परिषदीय स्कूलों में भी शिक्षक सर्वे कर रहे हैं।

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समूह बनाकर करें स्वरोजगार, मिटाएं बेरोजगारी

संसू, गोंडा: स्वयं सहायता समूह बनाकर समस्याओं का निदान किया जा सकता है। बेरोजगार इससे आमदनी को बेहतर कर सकते हैं। इसके लिए सामूहिक स्तर पर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। यह बात दक्षता विकास कार्यक्रम के तहत जन शिक्षण संस्थान दीनदयाल शोध संस्थान के परिसर में आयोजित गोष्ठी को संबंधित करते हुए लीड बैंक के महाप्रबंधक दशरथी बोहरा ने कही। कहा कि यदि समूह बनाकर किसी भी कार्य को किया जाय तो अच्छी आय हो सकती है। यदि कोई परेशानी आए तो लाभार्थी सीधे उनसे बात कर सकते हैं। संस्थान के निदेशक प्रज्योति कुमार त्रिपाठी ने बताया कि 16 विकास खंडों में व्यवसायिक प्रशिक्षण का आयोजन करके बेरोजगार युवक युवतियों को रोजगार में लगाने का कार्य किया जा रहा है। राजकीय आइटीआइ के जितेंद्र बहादुर ने कहा यदि लोग प्रशिक्षण लेकर स्वयं का रोजगार स्थापित करे तो उनको रोजगार आफिस के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।


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